Center For Excellence Scheme In Jharkhand रांची : झारखंड के खिलाड़ी एक उम्र के बाद अपने राज्य में एक ऐसे सेंटर की तलाश में रहते हैं, जहां उन्हें आगे की तैयारी का मौका मिले, लेकिन पिछले 21 साल में इन खिलाड़ियों को सिर्फ दो खेलों का ही सेंटर फॉर एक्सीलेंस मिल पाया. 2012 में खेल विभाग ने मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में नौ खेलों के सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोलने की तैयारी की थी, लेकिन नौ साल बाद केवल हॉकी और तीरंदाजी के ही सेंटर फॉर एक्सीलेंस खुले.
2012 में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ झारखंड (साझा) ने कुल नौ सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोलने की तैयारी थी. इनमें एथलेटिक्स, फुटबॉल, बैडमिंटन, शूटिंग, लॉन टेनिस, स्विमिंग, जिम्नास्टिक, साइकिलिंग और हॉकी शामिल थे. इसमें 2019 में केवल तीरंदाजी और हॉकी का ही सेंटर फॉर एक्सीलेंस खुल पाया.
इसमें मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के सभी इंडोर और आउटडोर स्टेडियम को इस एक्सीलेंस के लिए इस्तेमाल करना था. सभी एक्सीलेंस को पीपीपी मोड में चलाये जाने की तैयारी थी. इन नौ साल में दो खेल के सेंटर खुले. अब कुश्ती व एथलेटिक्स के सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोलने की योजना बनायी जा रही है.
राज्य में कई खेलों के सेंटर फॉर एक्सीलेंस नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों का सहारा लेना पड़ रहा है. इनमें साइकिलिंग, स्विमिंग सहित अन्य खेल शामिल हैं. वर्तमान में साइकिलिंग का न तो डे-बोर्डिंग हैं और आवासीय खेल सेंटर, जिसके कारण साइकिलिंग के कई खिलाड़ी हरियाणा और पंजाब में प्रशिक्षण ले रहे हैं. एथलेटिस में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अपने भविष्य के लिए दूसरे राज्यों का रुख करते हैं.
Posted by : Sameer Oraon