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केंद्र ने पारा शिक्षकों के मानदेय मद में दी जानेवाली राशि घटायी, रामेश्वर उरांव ने साधा निशाना, मांगी पूरी राशि

स्वीकृत राशि में से 40 फीसदी राशि भी राज्य सरकार को ही देनी है. समग्र शिक्षा अभियान के तहत कुल खर्च होनेवाली राशि का 60 फीसदी केंद्र व 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. राशि कम करने की जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से शुक्रवार को समग्र शिक्षा अभियान के बजट को लेकर हुए बैठक में दी गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2021 9:17 AM

Jharkhand Para Teacher Salary News रांची : केंद्र सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय के मद में दी जानेवाली राशि कम कर दी है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए केंद्र सरकार की ओर से 781 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं. जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र द्वारा 932 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया था. ऐसे में इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में 151 करोड़ रुपये कम स्वीकृत किया गया है. पारा शिक्षकों के मानदेय की राशि कम करने से राज्य सरकार पर और वित्तीय बोझ बढ़ेगा.

स्वीकृत राशि में से 40 फीसदी राशि भी राज्य सरकार को ही देनी है. समग्र शिक्षा अभियान के तहत कुल खर्च होनेवाली राशि का 60 फीसदी केंद्र व 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. राशि कम करने की जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से शुक्रवार को समग्र शिक्षा अभियान के बजट को लेकर हुए बैठक में दी गयी.

मानदेय पर प्रतिवर्ष खर्च होता है 1100 करोड़ :

पारा शिक्षकों के मानदेय पर प्रतिवर्ष लगभग 1100 करोड़ रुपये खर्च होता है. ऐसे में राज्य सरकार पहले से ही पारा शिक्षकों के मानदेय के मद में अपनी ओर से राशि देती है. अब केंद्र की ओर से राशि कम किये जाने से राज्य सरकार को अपने मद से मानदेय के लिए और अधिक राशि देनी होगी.

राज्य ने मांगी पूरी राशि :

बजट के दौरान केंद्र की ओर से पारा शिक्षकों के मानदेय के मद में राशि कम किये जाने पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधिकारियों की ओर से आपत्ति जतायी गयी. विभाग के अधिकारियों ने पूर्व में स्वीकृत राशि के अनुरूप राशि देने की मांग की. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए राज्य सरकार द्वारा पहले से ही काफी अधिक राशि दी जा रही है.

ऐसे में मानदेय मद में राशि कम नहीं की जाये. राज्य की ओर से पूरी राशि देने की मांग की गयी. केंद्रीय शिक्षा सचिव ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया. उन्होंने केंद्रीय संयुक्त सचिव को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश भी दिये.

अब राज्य सरकार को अपने हिस्से से करनी पड़ेगी भरपाई

पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष 151 करोड़ कम स्वीकृत किये

पारा शिक्षकों के मानदेय के मद में प्रतिवर्ष खर्च होता है 1100 करोड़

राज्य सरकार को तंग करना है उद्देश्य : रामेश्वर

राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा है कि केंद्र का रवैया राज्य को तंग करनेवाला है. केंद्र ने पारा शिक्षकों के मानदेय अंशदान में कटौती की है. अब राज्य का वित्तीय बोझ बढ़ेगा. इस समय राज्य कोरोना संकट से जूझ रहा है. ऐसे में यह राज्य को परेशान करनेवाला कदम है.

Posted By : Sameer Oraon

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