लॉकडाउन में जिनकी नौकरी चली गयी, उन्हें बेरोजगारी भत्ता दे केंद्र : रामेश्वर

वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के तहत मनी लेंडिंग (रकम उधार देने ) का कारोबार कर रही है. कोरोना संकट के काल में केंद्र सरकार कर्ज देकर अपना पल्ला झाड़ रही है. केंद्र सरकार को लॉकडाउन के दौरान जिनकी नौकरी चली गयी है, उन्हें बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए. ऐसा होने से जिनकी नौकरी खत्म हो गयी है, उन्हें तत्काल राहत मिलती.

By Prabhat Khabar News Desk | May 26, 2020 4:47 AM

रांची : वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के तहत मनी लेंडिंग (रकम उधार देने ) का कारोबार कर रही है. कोरोना संकट के काल में केंद्र सरकार कर्ज देकर अपना पल्ला झाड़ रही है. केंद्र सरकार को लॉकडाउन के दौरान जिनकी नौकरी चली गयी है, उन्हें बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए. ऐसा होने से जिनकी नौकरी खत्म हो गयी है, उन्हें तत्काल राहत मिलती.

जैसे झारखंड सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के खाते में तत्काल एक-एक हजार रुपये राहत पहुंचाने का काम किया, वैसे ही केंद्र सरकार को झारखंड सरकार से डाटा लेकर ऐसे लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने का काम करना चाहिए. प्रभात खबर से बातचीत करते हुए डॉ उरांव ने कहा कि अभी सबसे ज्यादा संकट रोजगार को लेकर होनेवाला है. जैसे-जैसे प्रवासी मजदूर घर लौटेंगे, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना जरूरी होगा. केंद्र सरकार को मनरेगा और पीएमजीएसवाइ के तहत राज्य सरकारों को और अधिक आर्थिक मदद करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि किसानों के खाते में सिर्फ दो-दो हजार रुपये डालने से कोई खास फायदा नहीं होनेवाला है. संकट के इस काल में केंद्र सरकार को किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए था, जैसा कि 2007-08 में कांग्रेस की सरकार ने किया था. उन्होंने कहा की स्टूडेंट्स को मदद करने के लिए एजुकेशन लोन माफ करना चाहिए. वर्तमान में सबसे ज्यादा खराब हालात एमएसएमई की हैं. एक तरफ लॉकडाउन में उनका कारोबार ठप रहा. वहीं दूसरी तरफ उन्हें अपने कर्मियों के वेतन का भुगतान करना है. ऐसे में केंद्र सरकार को कर्ज देने की बजाये इनके कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए आर्थिक मदद करनी चाहिए.

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