रांची: झारखंड के 27 मजदूर (कामगार) मध्य अफ्रीका के कैमरून में फंसे हुए हैं. उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से मदद की गुहार लगायी थी. झारखंड सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए केंद्रीय प्राधिकरण को पत्र लिखा है और मजदूरों की सकुशल वतन वापसी के साथ बकाया भुगतान कराने का आग्रह किया है. राज्य के बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग के मजदूरों ने वीडियो जारी कर सुरक्षित वापसी कराने का आग्रह किया है. उन्होंने बताया है कि चार महीने से उन्हें मजदूरी नहीं दी जा रही है. इससे खाने-पीने का भी संकट हो गया है.
श्रम विभाग ने प्राधिकरण को लिखा पत्र
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने विदेश मंत्रालय (भारत सरकार) के अधीन विदेश जाने वाले भारतीय कामगारों के हितों की रक्षा के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण से मध्य अफ्रीका में फंसे झारखंड के 27 कामगारों की सुरक्षित वापसी का आग्रह किया है. इसके लिए राज्य के श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव ने प्राधिकरण को पत्र लिखा है.
कंपनी में मार्च 2024 से काम कर रहे हैं मजदूर
झारखंड के श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव ने पत्र के जरिए प्राधिकरण को बताया है कि श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को गिरिडीह, बोकारो के 27 कामगारों ने सूचित किया है कि वे सभी लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, फेस जेंडरमेरी, एप्रेस ऑडिटोरियम जीन पॉल II, मबैंकलो, याउंडे, कैमरून, मध्य अफ्रीका में विनायक कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट पर 29 मार्च 2024 से काम कर रहे हैं.
बकाया भुगतान और सुरक्षित वापसी का आग्रह
कामगारों ने बताया है कि उनका भुगतान बकाया है और वे झारखंड लौटना चाहते हैं. इस संदर्भ में विभाग ने पत्र लिखकर कामगारों को उनका वैध बकाया सुनिश्चित करने और झारखंड सुरक्षित वापसी के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का आग्रह किया है. कैमरून में फंसे कामगार हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के निवासी हैं. राज्य सरकार ने इस मामले में प्राधिकरण से सहयोग मांगा है.