केंद्रीय उत्पाद कर विभाग ने सीएमपीएफओ से टैक्स और दंड के रूप में 101 करोड़ रुपये वसूले, जानें क्या है मामला
केंद्रीय उत्पाद कर विभाग ने कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन(सीएमपीएफओ) से सर्विस टैक्स मद और दंड के रूप में 101.78 करोड़ रुपये वसले. ये देश में एकमुश्त वसूली की सबसे बड़ी राशि है. इस राशि की वसूली कर सरकारी खजाने में जमा करा दिया गया है.
रांची : सीजीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद कर विभाग ने कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन(सीएमपीएफओ) से सर्विस टैक्स मद और दंड के रूप में 101.78 करोड़ रुपये की वसूली की है. कानूनी विवाद में सीएमपीएफओ को राहत नहीं मिलने के बाद सीजीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद कर विभाग के प्रधान आयुक्त एसके सिंह के आदेश के आलोक में इस राशि की वसूली कर सरकारी खजाने में जमा करा दिया गया.
देश में विभाग द्वारा की गयी एकमुश्त वसूली की यह सबसे बड़ी घटना है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स ने झारखंड के प्रमंडलीय कार्यालय द्वारा की गयी इस कार्रवाई की सराहना की है.
कोयला कर्मियों की जमा राशि का प्रबंधन करता है सीएमपीएफओ : सीएमपीएफओ धनबाद द्वारा कोयला कर्मचारियों द्वारा जमा राशि सहित कुछ अन्य मदों का फंड मैनेजमेंट किया जाता है. कोल माइंस प्रोविडेंट फंड स्कीम, कोल माइन फैमिली पेंशन स्कीम, कोल माइंस पेंशन स्कीम, कोल माइंस डिपोजिट लिंक आदि से जमा फंड का मैनेजमेंट सीएमपीएफओ द्वारा किया जाता है. इन मदों में मिलनेवाली राशि को बैंक, सिक्यूरिटीज( प्रतिभूतियों) में बेहतर रिटर्न के लिए निवेश किया जाता है.
इसके लिए कोयला कंपनियों द्वारा सीएमपीएफओ को तीन प्रतिशत की दर से भुगतान किया जाता है. सीएमपीएफओ द्वारा किया जानेवाला फंड मैनेजमेंट का काम‘ बैंकिंग एंड अदर फाइनांसियल सर्विसेज’की श्रेणी में आता है. इसलिए फंड मैनेजमेंट से सीएमपीएफओ को होनेवाली आमदनी पर 15 प्रतिशत की दर से सर्विस टैक्स देय है. लेकिन वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2010-11 तक की अवधि में हुई आमदनी पर सीएमपीएफओ ने सर्विस टैक्स नहीं दिया था.
Posted By : Sameer Oraon