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Jharkhand: PMAY में ब्याज का भुगतान करने से केंद्र ने किया इंकार, राज्य सरकार को भेजा पत्र

केंद्र ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलसीसी) को बंद कर सकती है. इसके तहत शहरी गरीबों द्वारा मकान के लिए कर्ज लेने पर ब्याज की राशि का भुगतान केंद्र वहन करता रहा है. इसे लेकर केंद्र ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है.

Jharkhand Political News: केंद्र ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलसीसी) को बंद करने का फैसला कर सकती है. इसके तहत शहरी गरीबों द्वारा मकान के लिए कर्ज लेने पर ब्याज की राशि का भुगतान केंद्र वहन करता रहा है. इसे लेकर केंद्र ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है.

पत्र में क्या लिखा है

इसमें कहा गया है कि सीएलसीसी स्कीम 31 मार्च 2022 को समाप्त हुई है. इसके तहत केंद्र शहरी गरीबों द्वारा मकान के लिए छह लाख तक के कर्ज पर ब्याज की रकम की भरपाई अनुदान के तहत करता था. इस स्कीम के बंद होने से 31 मार्च 2022 के बाद शहरी गरीबों को मकान के लिए कर्ज लेने पर ब्याज की रकम का भुगतान खुद करना होगा. वहीं दीनदयाल अंत्योदय नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन (डे-एनयूएलएम) को छह माह का विस्तार मिला है. इस कारण इसके तहत शहरी गरीबों के लिए चल रही योजनाएं सितंबर 2022 के बाद बंद हो जायेंगी.

31 दिसंबर 2024 के बाद कोई स्कीम नहीं होगा मंजूर

31 दिसंबर 2024 के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोई भी स्कीम स्वीकृत नहीं होगा. केंद्र ने पत्र में बताया है कि योजना का सीएलसीसी स्कीम 31 मार्च 2022 को समाप्त हुआ है. फिलहाल शेष तीनों स्कीम का लाभ मिलेगा. शहरी विकास-आवास मंत्रालय ने पत्र में डे-एनयूएलएम को लेकर कहा है कि इसकी अवधि 31 मार्च 2022 को समाप्त हो गयी है. सरकार ने फिलहाल इस मिशन का अवधि विस्तार छह माह के लिए किया है.

आवास योजना के तहत चार स्कीम हैं संचालित

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत कुल चार स्कीमें संचालित हैं. इनमें स्लम री-डेवलपमेंट (आइएसएसआर), क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस), एफोर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप (एएचपी) और बेनिफिशियरी लीड इंडिविजुअल हाउस कंस्ट्रक्शन (बीसीएल) स्कीम शामिल हैं. केंद्रीय शहरी विकास आवास मंत्रालय ने राज्य सरकार को भेजे पत्र में कहा है कि सरकार ने योजना की तीन स्कीमों को (आइएसएसआर,बीसीएल व एएचपी) 31 दिसंबर 2024 तक जारी रखने का फैसला लिया है.

पुरानी पेंशन योजना पर समिति की बैठक 25 को

रांची. पुरानी पेंशन योजना लागू करने के मुद्दे पर गठित उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक 25 अगस्त को होगी. पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस समिति को एसओपी तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. समिति में कार्मिक सचिव और वित्त सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. कैबिनेट ने पिछले दिनों राज्य के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के प्रस्ताव पर सहमति दी थी.

राज्य में 2004 से लागू है नयी पेंशन योजना

राज्य में 2004 से नयी पेंशन योजना लागू है. पुरानी पेंशन योजना में करीब 18000 करोड़ रुपये जमा हैं. सरकार द्वारा नियुक्त पुरानी पेंशन योजना के फंड मैनेजर के साथ हुए एकरार में इस पैसे को वापस लेने का प्रावधान नहीं है. इस बात के मद्देनजर कैबिनेट ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के शर्त निर्धारित की थी. इसके तहत कर्मचारियों के उच्च स्तरीय समिति के यह लिखित देना था कि वे नयी पेंशन योजना के तहत अपनी जमा राशि पर दावा नहीं करेंगे. बताया जाता है कि राज्य के कर्मचारी नयी पेंशन योजना में जमा राशि छोड़ने पर सहमत नहीं हैं. कर्मचारी यह चाहते हैं कि नयी पेंशन योजना में जमा राशि उनकी सेवानिवृत्ति उम्र पूरी होने पर उन्हें वापस कर दी जाये. हालांकि इस बिंदु पर अभी कोई फैसला नहीं हो सका है.

Posted By: Rahul Guru

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