रांची : केंद्रीय विवि, झारखंड (सीयूजे) में थर्ड व फोर्थ ग्रेड की नियुक्ति में स्थानीय व विस्थापितों को प्राथमिकता मिलेगी. वहीं, विवि के सभी संकायों में कम से कम पांच स्थानीय विद्यार्थी का नामांकन होगा. इसके अलावा जब तक रैयतों को भूमि का मुआवजा नहीं मिल जाता है, तब तक किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होगा.
उक्त निर्णय रविवार को विवि के चेरी-मनातू स्थित परिसर में भूमि अधिग्रहण में आ रहीं दिक्कतों व रैयतों को मुआवजा व पुनर्वास को लेकर आयोजित बैठक में लिये गये. बैठक में मुख्य रूप से सांसद संजय सेठ, विधायक बंधु तिर्की, विवि के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास, धर्म गुरु बंधन तिग्गा, एसडीओ, अपर समाहर्ता, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, कांके सीओ, कांके थाना पुलिस व ग्रामीण उपस्थित थे.
बैठक में बताया गया कि कैंपस निर्माण में कुल 500 एकड़ भूमि में से 139.17 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण कर मुआवजा दिया जाना है. ताकि, पहुंच पथ सहित चहारदीवारी, पेयजलापूर्ति, हॉस्टल भवन, विद्युत सब स्टेशन आदि का निर्माण हो सके. रैयतों को मुआवजा नहीं मिलने के कारण ममला लटका हुआ है. रैयतों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिल जाता है, तब तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं होने देंगे.
नये कुलपति प्रो दास ने इस मसले को बातचीत के माध्यम से हल करने का प्रयास करने की बात कही. इससे पूर्व भी जनवरी में जिला प्रशासन के अधिकारी ने भूमि अधिग्रहण के लिए ग्रामसभा रखी थी, लेकिन बात नहीं बनने के कारण सभा को स्थगित करना पड़ा था. विवि में भूमि अधिग्रहण को लेकर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी विवि, प्रशासन व राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर मामला सलटाने का निर्देश दिया था. बैठक में कहा गया कि ग्रामीण और विस्थापितों के लिए स्वास्थ्य की समुचित व्यवस्था विवि प्रशासन को करनी होगी. अगली बैठक अब रांची उपायुक्त की अध्यक्षता में होगी.