रांची : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चाईबासा में हुए मनरेगा घोटाले के सिलसिले में इसीआइआर दर्ज कर ली है. इसमें मनरेगा की योजनाओं के लिए अग्रिम राशि लेने और योजनाओं को पूरा करने के बजाय मनी लाउंड्रिंग करने का आरोप लगाया गया है. इस मामले में कुल 19 इंजीनियरों को नामजद और अन्य अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया है. हाइकोर्ट में इडी ने ‘मतलूब इमाम बनाम राज्य सरकार’ के मामले में शपथ पत्र दायर कर इसकी जानकारी दी है. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हाइकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हो रही थी.
ईडी की ओर से हाइकोर्ट में दायर शपथ पत्र में कहा गया है कि निगरानी से चाईबासा मनरेगा घोटाले से संबंधित दस्तावेज लेने के बाद इसकी जांच की गयी. इसमें पाया गया कि उपायुक्त ने मनरेगा की योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए एनआरइपी को फंड दिया. योजनाओं को पूरा करने के लिए जूनियर इंजीनियरों को अग्रिम राशि दी गयी. जांच के दौरान इंजीनियरों द्वारा अग्रिम राशि लेने और बिना काम या अधूरे काम के आधार पर सरकारी राशि का गबन कर मनी लाउंड्रिंग करने के सबूत मिले हैं.
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इसमें मजदूरों को किये गये भुगतान, सामग्री की खरीद में गड़बड़ी, इंजीनियरों द्वारा 5.76 करोड़ के अग्रिम का हिसाब नहीं देने, बिना हस्ताक्षर वाले वाउचर के अलावा मनरेगा के नियमों का उल्लंघन आदि के मामले शामिल हैं.