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झारखंड में दो साल से खाली है महिला आयोग का अध्यक्ष पद, पीड़ित महिलाओं की सुनने वाला कोई नहीं

झारखंड राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद पिछले दो साल से खाली है. इस कारण पीड़ित महिलाओं को कोई मदद नहीं मिल पा रहा है. महिला आयोग में अब तक अध्यक्ष और सदस्यों का पद खाली है. राज्य में महिला अपराध की घटना बढ़ी है, लेकिन इन्हें न्याय दिलाने के लिए कोई नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2022 4:20 AM

Prabhat Khabar Special: झारखंड का राज्य महिला आयोग (Jharkhand State Commission for Women) झारखंड की बेबस, मजबूर और असहाय महिलाओं की मदद नहीं कर पा रहा है. कारण है पिछले दो साल से यहां पर महिलाओं की सुनने वाला कोई नहीं. महिला आयोग में अब तक अध्यक्ष और सदस्यों का पद खाली है. महिला आयोग पूरी तरह से ठप है. इन दिनों आयोग राज्य में बढ़ रहे महिला अपराध को लेकर के किसी भी तरह का संज्ञान नहीं ले पा रहा है, क्योंकि उनकी सुनने वाला यहां कोई नहीं है.

राज्य में हर दिन बढ़ रहे हैं महिलाओं के प्रति अपराध

राज्य में महिलाओं के प्रति अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. वहीं, हमारा महिलाओं की सुनने वाला एकमात्र आयोग लगभग राज्य महिला आयोग बंद पड़ा हुआ है. बेबस और मायूस महिलाओं की कोई सुनने वाला नहीं है. महिलाओं के लिए चिंता का विषय बन गया है. राज्य महिला आयोग के दरवाजे में गुहार लगाने के बजाय वहां से मायूस होकर लौट रहे हैं.

दो साल से राज्य महिला आयोग बंद

पिछले दो सालों से राज्य महिला आयोग बंद पड़ा है. कहने के लिए और देखने के लिए यहां पर अभी तीन कर्मी हैं, जो आयोग को किसी तरह संभाल रहे हैं. जबकि अध्यक्ष की मौजूदगी में यहां पहले लगभग 15- 20 कर्मी कार्यरत थे. अब तो महिलाओं को भी पता चल चुका है कि राज्य महिला आयोग बंद है, ऐसे में यहां आने वाले आवेदनों की संख्या भी कम हो गई है.लेकिन फिर भी अब भी न्याय की गुहार लगाने वाली माहिलाओं की अमूमन प्रतिदिन एक से दो आवेदन स्पीड पोस्ट से पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला अब तक यहां कोई नहीं है.

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अवर सचिव संभाल रहे काम

अवर सचिव फिलहाल यहां का काम संभाल रहे हैं और यहां के कर्मियों का भी यही कहना है कि उन्हें भी शर्मिंदगी महसूस होती है, क्योंकि महिलाओं की स्थिति को देख कर के वह उनकी मदद नहीं कर पा रहे हैं, मदद करना चाहते भी हैं लेकिन वह मजबूर हैं. जब तक विभाग का आदेश नहीं होता है तब तक आयोग का यही हाल रहेगा.

पीड़ित महिलाओं को कर्मचारी दे रहे आश्वासन

अध्यक्ष के बिना महिला आयोग का काम पूरी तरह से ठप हो गया है. यहां अभी कार्यरत एक सफाई कर्मी, एक कंप्यूटर ऑपरेटर एवं एक सुरक्षाकर्मी महिलाओं को आश्वासन देने पर मजबूर है. अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद इन्हें भी हटा दिया जायेगा. वहीं अवर सचिव प्रतिनियुक्ति पर है, इसलिए वह केवल कार्यालय के कार्य ही संभाल पा रहे हैं. महिलाओं की मदद नहीं कर पा रहे. ऐसे में राज्य महिला आयोग के मौजूदा हालात में कार्यरत कर्मी शर्मिंदगी महसूस कर रहा है.

Posted By: Samir Ranjan.

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