Chaiti Chhath Puja 2023: नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय चैती छठ महापर्व आज से शुरू

नहाय-खाय के साथ 25 मार्च से चार दिवसीय चैती छठ महापर्व शुरू हो रहा है. पहले दिन व्रतधारी घरों में पूजा-अर्चना कर कद्दू-भात और चना का दाल सहित अन्य प्रसाद तैयार कर भगवान को अर्पित करेंगी. इसके बाद खरना एवं डूबते तथा उगते सूर्य को अर्घ देगी.

By Prabhat Khabar News Desk | March 25, 2023 4:27 AM

Chaiti Chhath Puja 2023: चार दिवसीय चैती छठ महापर्व शनिवार से शुरू हो रहा है. महापर्व के पहले दिन व्रती अहले सुबह विभिन्न नदियों, तालाबों और घरों में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ देंगी. व्रती शक्ति की कामना करने के साथ ही पर्व बिना किसी बाधा के संपन्न हो, इसकी भी कामना करेंगी. इसके बाद व्रतधारी घरों में पूजा-अर्चना कर कद्दू-भात और चना का दाल सहित अन्य प्रसाद तैयार कर भगवान को अर्पित करेंगी. इसके बाद स्वयं इसे ग्रहण कर प्रसाद स्वरूप इसका वितरण करेंगी. उधर खरना व डूबते सूर्य को अर्घ देने के लिए गेंहू ,चावल सहित अन्य कुछ धोकर सुखायेंगी और उसके बाद उसे घर व मिल में पिसवायेंगी. जिससे प्रसाद तैयार किया जायेगा. इसके अलावा बाजार आदि से पूजन सामाग्री की खरीदारी करेंगी.

नहाय-खाय के लिए कद्दू की बिक्री

नहाय-खाय के लिए शुक्रवार को बाजार में कद्दू की बिक्री हुई. कद्दू पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के कारण 20 से 30 रुपये किलो की दर से बिका. वहीं कई लोगों ने अपने -अपने पेड़ से भी तोड़कर कई व्रतधारियों के घरों में भिजवाया.

बाजार से खरीदारी शुरू

राजधानी के बाजार में सूप दाउरा, गेहूं सहित अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी शुरू हो गयी है. कई जगहों पर मिट्टी का चूल्हा और आम की लकड़ी आदि बिकने लगी है.

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रविवार को खरना का अनुष्ठान

वहीं रविवार को दिनभर के उपवास के बाद खरना का अनुष्ठान होगा. इस दिन सूर्यास्त के बाद भगवान की पूजा-अर्चना कर खीर, रोटी, केला सहित अन्य प्रसाद भगवान को नैवेद्य स्वरूप अर्पित किया जायेगा. इसके बाद व्रती इस प्रसाद को स्वयं ग्रहण कर परिवार व रिश्तेदारों में बाटेंगी. 27 मार्च को संध्या कालीन अर्घ और 28 मार्च को प्रात:कालीन अर्घ के साथ चैती छठ का समापन होगा.

व्रतियों ने शुरू की तैयारी

हिंदपीढ़ी की सुशीला देवी 13 साल से चैती छठ कर रही हैं. उन्होंने कहा कि परिवार की परेशानी पर भगवान से प्रार्थना की और उसके बाद से चैती छठ प्रारंभ किया. इसके बाद से लगातार छठ महापर्व करती आ रही हैं. चैती छठ और कार्तिक छठ दोनों करती हैं. चैती छठ की पूजा अधिकांश लोग मन्नत पूरी होने पर ही करते हैं. अशोक नगर के हितेश वर्मा और आरती वर्मा, दोनों चैती छठ का अनुष्ठान पिछले 15 सालों से कर रही हैं. हितेश वर्मा की मां सरोज बाला ने बताया कि हमारे घर की परंपरा के अनुसार चैती छठ लगातार चली आ रही है. 22 सालों तक करने के बाद बेटा-बहू ने इसे प्रारंभ किया. इसमें खास यह है कि परिवार के नाम पर एक जोड़ा सूप से अर्घ दिया जाता है.

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