पूर्व CM चंपाई सोरेन की तस्वीर लगी 44 लाख झोलों को लेकर विभाग असमंजस में, 22 लाख लोगों के बीच बांटे जा चुके हैं
आचार संहिता समाप्त होने के बाद झोलों का वितरण शुरू हुआ तो मुख्यमंत्री बदल गये. झोलों पर चंपाई सोरेन की तस्वीर लगी है. जानकारी के अनुसार, इसमें भी कई डीलरों ने अभी ग्राहकों को झोला दिया ही नहीं.
रांची : गरीबों को राशन देने के लिए झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन की तस्वीर और राज्य सरकार का लोगो लगे 66 लाख झोले बनवाये गये थे. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से 14 रुपये प्रति झोला की दर से इसे प्रिंट कराया गया था जिस पर करीब 9.24 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. इन झोलों पर चंपाई सोरेन की ओर से स्वीकृत योजनाओं का विवरण लिखा है. इन झोलों में करीब 22 लाख झोले गरीबों को राशन के साथ बांटे जा चुके हैं. अब भी 44 लाख झोले नहीं बांटे गये हैं. सीएम बदल जाने के कारण खाद्य आपूर्ति विभाग इसके वितरण को लेकर संशय में है.
पहली बार आचार संहिता के कारण झोलाें का वितरण नहीं हो पाया था. आचार संहिता समाप्त होने के बाद झोलों का वितरण शुरू हुआ तो मुख्यमंत्री बदल गये. झोलों पर चंपाई सोरेन की तस्वीर लगी है. जानकारी के अनुसार, इसमें भी कई डीलरों ने अभी ग्राहकों को झोला दिया ही नहीं. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से झोला को प्रिंट कराया गया था. योजना थी कि राशन लेनेवाले लाभुकों को इसी झोले में राशन दिया जाये. मार्च में झोला कई डीलरों को भेज दिया गया था. 14 रुपये प्रति झोला की दर से प्रिंट कराया गया था. नौ करोड़ 24 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं.
53 करोड़ की लागत से तस्वीर लगे टैब भी बांटा था रघुवर सरकार ने
तत्कालीन रघुवर दास सरकार ने भी वर्ष 2019 में 53 करोड़ की लागत से स्कूलों में शिक्षकों के बीच टैब बांटे थे. इनमें उनकी तस्वीर लगी हुई थी. जब सरकार बदली तो टैब में तस्वीर हटाने का निर्देश दिया गया था. पर प्रक्रिया जटिल थी. बाद में टैब बेकार हो गये.
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन की फोटो के साथ लिखा गया है सरकार की योजनाओं के नाम
सरकारी झोला के एक ओर सफेद रंग और दूसरी ओर हरे रंग का बैकग्राउंड है, जिसपर तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का फोटो लगा है. इस पर 1932 का खतियान सबसे ऊपर, ओबीसी को 27 फीसदी, एसटी को 28 व एससी को 12 फीसदी आरक्षण, सीएम उत्कृष्ट विद्यालय, सर्वजन पेंशन, मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी समेत राज्य सरकार की अन्य योजनाओं की जानकारी दी गयी है.