23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चंपाई सरकार ने हासिल किया विश्वासमत, बोले हेमंत : जमीन मेरी है, तो सबूत दीजिए, राजनीति से संन्यास ले लूंगा

हेमंत सोरेन ने कहा कि 31 तारीख की पठकथा पहले ही लिखी गयी थी. पकवान धीमी आंच में पकाया जा रहा था. ये पकवान पका नहीं, आधा-अधूरा ही परोस दिया. सुनियोजित तरीके से मुझे गिरफ्त में लिया.

रांची : चंपाई सोरेन सरकार ने सोमवार को आसानी से विश्वासमत हासिल कर लिया है. सत्ता पक्ष एकजुट रहा और पक्ष में 47 वोट मिले. वहीं, विपक्ष को 29 वोट हासिल हुए. 82 (मनोनित सहित) सदस्य वाले झारखंड विधानसभा में 78 विधायक सदन में थे. पूर्व मुख्यमंत्री व इडी की कस्टडी में रह रहे हेमंत सोरेन कोर्ट के आदेश पर विधानसभा पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री श्री सोरेन का सत्तापक्ष के विधायकों ने पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपनी सीट से खड़े होकर नारेबाजी की. हेमंत सोरेन ने भी पक्ष-विपक्ष के विधायकों की सीट तक जाकर उनका अभिवादन किया. हेमंत सोरेन ने अपने 25 मिनट के भाषण में केंद्र सरकार और भाजपा पर बरसे. उन्होंने कहा : आज आदिवासी, दलित, पिछड़ों पर अत्याचार हो रहा है. आदिवासी दलित के प्रति ये घृणा करते हैं. बड़ी सुनियोजित तरीके से मेरे साथ घटना को अंजाम दिया गया. आठ एकड़ जमीन की बात कही जा रही है कि मेरी है. हिम्मत है, तो कागज सदन में पटक दीजिए. दस्तावेज लाइये. इडी को सपोर्ट कर दीजिए. एक दस्तावेज दिखा दीजिए. राजनीति से संन्यास ले लूंगा. झारखंड छोड़ दूंगा.

उन्होंने कहा : 31 जनवरी की काली रात को लोकतंत्र में एक काला अध्याय जुड़ गया है. 31 तारीख की रात को देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री या व्यक्ति को राजभवन के अंदर गिरफ्तार किया गया. यह देश में पहली घटना थी. इस घटना को अंजाम देने में राजभवन भी शामिल रहा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा : हम आदिवासी नियम-कानून कम जानते हैं. विपक्ष(भाजपा) की तरह बौद्धिक क्षमता नहीं है. लेकिन, सही-गलत की समझ तो इंसान और जानवर दोनों रखते हैं. बड़ी सुनियोजित तरीके से सब कुछ किया गया. 31 तारीख की पठकथा पहले ही लिखी गयी थी. पकवान धीमी आंच में पकाया जा रहा था. ये पकवान पका नहीं, आधा-अधूरा ही परोस दिया. सुनियोजित तरीके से मुझे गिरफ्त में लिया. ये बाबा भीमराव अंबेडकर की भावना के साथ भी नहीं हैं.

Also Read: विपक्ष पर बरसे सीएम चंपाई सोरेन, कहा- हेमंत बाबू हैं, तो हिम्मत है, हेमंत सोरेन का पार्ट-2 हैं हम

आदिवासी-दलित, पिछड़ों के साथ अत्याचार हुए हैं. आज नये-नये चेहरे के साथ कर रहे हैं. आदिवासी-दलित के प्रति इतनी घृणा-द्वेष कहां से लाते हैं? ये कहते हैं कि जंगल में थे, जंगल में रहेंगे. इनके बराबर बैठ जाते, तो इनके कपड़े गंदे हो जाते हैं. हमें अछूत समझते हैं. हम इसी विडंबना को तोड़ रहे थे. श्री सोरेन ने कहा : ये कितना भी आक्रमण कर लें, हम हार नहीं मानेंगे. जेल की सलाखों के पीछे भी डाल देंगे, तो मंसूबे पूरे नहीं होने देंगे. यह झारखंड है. यहां आदिवासी-मूलवासी ने कुर्बानी दी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा : राजनीति में नहीं सकते, तो बैक डोर से आते हैं. पीठ पर छूरा मारते हैं. आंसू नहीं बहाऊंगा, वक्त के लिए रखूंगा. समय आने पर एक-एक सवाल का माकूल जवाब दूंगा.

उन्होंने कहा : झारखंड के 23 साल हो गये. अपने गिरेबां में झांक कर देखें. घोटाले इनको 2019 से ही नजर आता है. 2000 हजार से नहीं दिखता है. ये नहीं चाहते आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक सर्वोच्च स्थान पर पहुंच जाये. जज, आइएएस-आइपीएस नहीं बने. आदिवासी नेता बन गया, तो इसको पांच साल कैसे पूरा करने देंगे. मुझे पता था ये रोड़े अटकायेंगे. रिकॉर्ड पांच का साल का पूरा नहीं करने देंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा : हमलोग ने सिर झुका कर चलना नहीं सीखा है. सरसों में ही भूत है, तो भूत भागेगा कैसे. उन्होंने कहा : अलग राज्य मांग रहे थे, तो भी ये लोग हंसी उड़ाते थे. आदिवासी सत्ता चलाये, आदिवासी हवाई जहाज पर बैठे, आदिवासी फाइव स्टार होटल में रहे, बीएमडब्ल्यू पर चले, इनको तकलीफ होती है. श्री सोरेन ने कहा : आज बड़ा षड्यंत्र चल रहा है. कानून के अंदर ये गैर कानूनी काम करते हैं. श्री सोरेन ने कहा : यह लंबी लड़ाई है. छोटी मछली बड़ी मछली को निगल जाती है. झारखंड का उदय मान-सम्मान के लिए हुआ था. कानूनी हो या किसी तरह का मैदान-ए-जंग हम न हारेंगे, न पीठ दिखायेंगे.

सदन के अंदर श्री सोरेन ने कहा कि कोर्ट का आदेश है कि हम मीडिया से बात नहीं करेंगे. सदन आते वक्त इडी के अधिकारी से पूछा : सदन में अपनी बात रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि नहीं बोल सकते हैं. मैंने कहा : वाह! ये स्थिति है, तो आप लोग की सदन के अंदर आ जाइये. स्थिति तो यह होने जा रही है कि अब गर्वनर हाउस, विधानसभा, राष्ट्रपति भवन में गिरफ्तारी होगी. 150-200 सांसद सदन से निलंबित हो रहे हैं. आदिवासी, दलित, पिछड़ों के शोषण की नयी परिभाषा लिखी जा रही है. ऐसे में लोकतंत्र नहीं बचेगा. आज हर काम पिछले दरवाजे से हो रहा है.

विश्वासमत के दौरान ये नहीं पहुंचे

भाजपा विधायक : सिंदरी के विधायक इंद्रजीत महतो, हैदराबाद में इलाजरत

झामुमो विधायक : घाटशीला के विधायक रामदास सोरेन, दिल्ली में इलाजरत

निर्दलीय विधायक : बरकट्ठा के विधायक अमित यादव

सीट एक खाली : गांडेय

कुल : 78 विधायक सदन में थे मौजूद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें