सखी मंडल के महासम्मेलन में बोले चंपाई सोरेन- समाज और राज्य के विकास में पुरुषों से ज्यादा योगदान महिलाओं का
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड इतना धनी प्रदेश है, लेकिन आजादी के बाद आदिवासियों का जितना विकास होना चाहिए था, नहीं हुआ. हमारी सरकार ने महिलाओं को आगे बढ़ाने के हरसंभव प्रयास किए हैं.
रांची, राजलक्ष्मी : झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा है कि प्रदेश की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं. घर संभालने से लेकर खेत-खलिहान तक में योगदान दे रहीं हैं. घर से लेकर समाज तक में पुरुषों से ज्यादा योगदान दे रहीं हैं. इसलिए हमारी सरकार ने सखी मंडल को सशक्त करने का फैसला किया. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में ‘सखी मंडल की महिलाओं का राज्यस्तरीय एक्स्पोजर एवं क्षमता संवर्धन शिविर-सह-महिला महासम्मेलन’ को संबोधित करते हुए सोमवार (12 फरवरी) को ये बातें कहीं.
आजादी के बाद आदिवासियों का नहीं हुआ विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड इतना धनी प्रदेश है, लेकिन आजादी के बाद आदिवासियों का जितना विकास होना चाहिए था, नहीं हुआ. हमारी सरकार ने महिलाओं को आगे बढ़ाने के हरसंभव प्रयास किए हैं. हमारी सरकार सखी मंडल की महिलाओं को सहायता राशि दे रही है. सरकार को मालूम है कि महिलाओं के बिना न तो घर आगे बढ़ सकता है, न राज्य आगे बढ़ सकता है. पिछली सरकार ने महिलाओं पर 642 करोड़ रुपए खर्च किये.वहीं, हमारी सरकार ने साढ़े चार साल में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 842 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.
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महिलाओं को निराश नहीं होने देगी सरकार : चंपाई सोरेन
चंपाई सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार कभी भी महिलाओं को निराश नहीं होने देगी. हमारी सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. गरीबों के लिए हेमंत बाबू अबुआ आवास योजना लेकर आए. चंपाई सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार पीएम आवास योजना का बहुत प्रचार करती थी. दावा किया था कि 2022 तक सभी लोगों को पक्का आवास मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि जब झारखंड की बारी आई, तो हमारे साथ केंद्र सरकार ने धोखा किया.
पीएम आवास में झारखंड के साथ केंद्र ने किया धोखा
झारखंड के सीएम ने कहा कि कई बार हमारी सरकार ने केंद्र के साथ पत्राचार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसलिए हेमंत सरकार ने झारखंड के लोगों के लिए अबुआ आवास योजना की शुरुआत की. योजना के तहत लोगों को 2 नहीं बल्कि 3 कमरे का आवास मिलेगा.
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झारखंड के लोगों को नहीं मिलता खनिज का लाभ
सीएम ने कहा कि झारखंड में खनिज की कमी नहीं है, लेकिन इसका लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल सका. हमारी सरकार ने सभी को रोटी, कपड़ा और मकान देने का निश्चय किया है. हेमंत सोरेन को केंद्रीय एजेंसी ने बिना वजह गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने 100 यूनिट बिजली फ्री देने का फैसला किया था. अब हमने इसे बढ़ाकर 125 यूनिट कर दिया है. हमने बच्चियों की शिक्षा पर ध्यान दिया. मरांग गोमके छात्रवृत्ति की मदद से आदिवासी और पिछड़े बच्चे आज विदेशों में पढ़ रहे हैं.
पिछली सरकार ने 5 हजार स्कूल बंद कर दिए
चंपाई सोरेन ने कहा कि पिछली सरकार की कोई सोच नहीं थी. उन्होंने पांच हजार प्राइमरी स्कूलों को बंद कर दिया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार नहीं चाहती थी कि गरीबों के बच्चे पढ़ें. लेकिन, जब झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनी, तो आदिवासी और पिछड़ों के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए योजनाएं बनीं. मॉडल स्कूल बने. गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना आई. सावित्री बाई फूले योजना की शुरुआत हुई. कोरोना संकट में हेमंत बाबू की सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के लोगों को अकेला नहीं छोड़ा. ट्रेन से हवाई जहाज से लोगों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया. इससे भाजपा वाले परेशान हैं.
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महिलाओं को सशक्त करतीं हैं सखी मंडल की दीदियां : सत्यानंद भोक्ता
चंपाई सोरेन की कैबिनेट में मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि आज राज्यभर से जो बहनें यहां आईं हैं, वह घर-घर जाकर महिलाओं को सशक्त बनाने का काम करतीं है. हमारा पूरा प्रयास रहता है कि गांव की महिलाओं को रोजगार से जोड़ें. उनको योजनाओं का लाभ मिले, ऐसी व्यवस्था हम करते हैं. उन्होंने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों का बखान भी किया. कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गांव-गांव तक पहुंचे और लोगों की समस्या से रू-ब-रू हुए. उनकी समस्याओं को समझा और उसके निदान के लिए योजनाएं तैयार कीं.
हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं महिलाएं : आलमगीर आलम
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमें खुशी है कि महिलाएं घर से निकलकर हर क्षेत्र में काम कर रहीं हैं. कोरोना समय में स्वयंसहायता समूह की महिलाओं ने बेहतरीन काम किए. सरकार दीदियों के लिए कई योजनाएं लाईं. महिलाएं आज किसी पर निर्भर नहीं हैं. हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं. अपने परिवार को मजबूती से बढ़ा रहीं है. इस संगठन से 32 लाख महिलाएं जुड़ीं हैं. आलम ने कहा कि कल तक जो महिलाएं सड़क किनारे दारू-हड़िया बेचतीं थीं, वह रोजगार कर रहीं हैं. योजना की शुरुआत हुई, तब सरकार 10 हजार रुपए देती थी. आज 50 हजार रुपए दे रही है. महासम्मेलन में जेएसएलपीएस के नए लोगो का विमोचन किया गया.