रांची: वाम दलों सीपीआई, सीपीआई (एम), भाकपा (माले) और मासस की संयुक्त बैठक राजधानी रांची के माले राज्य कार्यालय में हुई. इसमें हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नए नेता चंपई सोरेन द्वारा सरकार गठन करने के लिए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के समक्ष बहुमत के समर्थन पत्र पेश किए दावे पर राज्यपाल द्वारा त्वरित निर्णय नहीं लिए जाने से उत्पन्न राजनीतिक संकट पर चिंता व क्षोभ व्यक्त की गई. उन्होंने कहा कि बिहार की तरह राज्यपाल को त्वरित निर्णय लेना चाहिए और जनता के जनादेश का सम्मान करना चाहिए. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है.
भाजपा से प्रेरित होकर काम कर रहे राज्यपाल
वाम दलों के नेताओं ने कहा कि सरकार के गठन पर राज्यपाल भाजपा की राजनीति से प्रेरित होकर काम कर रहे हैं. इस कारण निर्णय लेने में जानबूझकर विलंब कर रहे हैं. इस अनिर्णय की स्थिति से झारखंड में अराजकता का माहौल बन रहा है. इसके साथ ही इससे हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा और राज्य की जनता का जनादेश के उल्लंघन का अलोकतांत्रिक खतरा पैदा हो रहा है.
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जनादेश का सम्मान करने की मांग
वाम दलों ने कहा कि बिहार में ऐसी ही राजनीतिक परिस्थिति उत्पन्न होने पर राज्यपाल ने विधायक दल के नेता द्वारा सरकार गठन के लिए पेश किए गए दावे पर त्वरित सकारात्मक फैसला लिया था. इसलिए राज्य के वाम दल राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए पेश किए दावे पर यथाशीघ्र निर्णय लेने और राज्य में तुरंत सरकार गठन कर जनता के जनादेश का सम्मान करने की मांग की है.
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हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला
वाम दलों ने कहा कि ईडी का दुरुपयोग कर निवर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी भाजपा द्वारा देश की संघीय व्यवस्था और लोकतंत्र पर हमला है और अब राज्य की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में राज्यपाल की शक्तियों के दुरुपयोग से नए हमले की आशंका बढ़ गई है.
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बैठक में ये थे मौजूद
बैठक की अध्यक्षता भाकपा (माले) नेता जनार्दन प्रसाद ने की. बैठक में सीपीआई से अजय सिंह व एके रशीदी, सीपीआई (एम) से समीर दास, प्रफुल्ल लिंडा, सुखनाथ लोहरा व वीरेंद्र कुमार, भाकपा (माले) से राज्य सचिव मनोज भक्त और मासस से सुशांतो मुखर्जी शामिल थे.
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