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Good News: 15 नवंबर से झारखंड में चना दाल 1 रुपया किलो, वित्त मंत्री ने किया ऐलान

झारखंड सरकार प्रदेश के लोगों को अब एक रुपया किलो की दर से चना दाल देगी. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि 15 नवंबर से इसकी शुरुआत हो जाएगी. हालांकि, इस स्कीम का लाभ सभी लोगों को नहीं मिलेगा.

झारखंड में 1 रुपये किलो चना दाल मिलेगी. झारखंड कैबिनेट की मीटिंग में ही इसकी घोषणा की गई थी. अब इस बारे में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का बयान सामने आया है. मंत्री ने बताया कि इसकी शुरुआत झारखंड स्थापना दिवस यानी 15 नवंबर से होगी. हालांकि, सभी को इसका लाभ नहीं मिलेगा. झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल लाभुकों को ही इसका लाभ मिलेगा. ऐसे में सरकार की इस स्कीम से राज्य के 65 लाख राशन कार्डधारी लाभान्वित होंगे. मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि 15 नवंबर से लाभुकों को प्रति माह 1 रुपये किलो दाल दी जाएगी. इसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

हेमंत सरकार की कैबिनेट में हुआ था फैसला

मालूम हो कि 11 अगस्त को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस बैठक में 30 फैसले लिये गये. इसमें से एक अहम फैसला था, सूबे के सभी कार्डधारकों को 1 रुपया किलो की दर से चने की दाल देना. कैबिनेट ने फैसला लिया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 एवं झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (JSFSS) के सभी लाभुक परिवारों को प्रति परिवार एक किलोग्राम चना दाल प्रतिमाह एक रुपया किलो की दर से दी जायेगी.

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सरकारी स्कूलों में हर बुधवार मड़ुआ के व्यंजन

झारखंड सरकार की ओर से गरीबों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने की कवायद की जा रही है. हाल ही में यह भी फैसला लिया गया है कि झारखंड के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन में अतिरिक्त पोषाहार के तहत बच्चों को बुधवार को मड़ुआ (रागी) का हलवा या लड्डू दिया जायेगा. ‘झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण’ द्वारा इस संबंध में पत्र भी जारी किया गया है. प्राधिकरण द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि सप्ताह में बुधवार को मड़ुआ का हलवा/लड्डू दिया जाये. बुधवार को विद्यालय में अवकाश रहने की स्थिति में यह व्यंजन अगले कार्य दिवस पर देने को कहा गया है. बच्चों को मड़ुआ का हलवा या लड्डू दोनों में से क्या दिया जाए, इसका निर्णय विद्यालय स्तर पर बच्चों की पसंद के आधार पर लिया जायेगा. इस संबंध में कमेटी का गठन किया गया है. इसके लिए प्राधिकरण की ओर से पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम में जिलों को 9.72 करोड़ रुपये भी आवंटित कर दिये गये हैं.

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