स्टेशन मास्टर की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं रांची की चांद कुमारी
अगर आप रांची रेलवे स्टेशन पर जायें और स्टेशन मास्टर के रूम में आपको कोई महिला पूरी तन्मयता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाते दिखे, तो चौंकिएगा मत. वह महिला हैं चांद कुमारी, जो लॉकडाउन के दौरान भी अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा के साथ निभा रही हैं.
रांची : अगर आप रांची रेलवे स्टेशन पर जायें और स्टेशन मास्टर के रूम में आपको कोई महिला पूरी तन्मयता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाते दिखे, तो चौंकिएगा मत. वह महिला हैं चांद कुमारी, जो लॉकडाउन के दौरान भी अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा के साथ निभा रही हैं.
रेलवे में स्टेशन मास्टर की नौकरी बहुत जिम्मेवारी वाली मानी जाती है क्योंकि इनकी एक चूक से हजारों लोगों की जान पर बन आ सकती है. यही कारण है कि स्टेशन मास्टर की नौकरी में लड़कियों को मौका कम मिलता था. लेकिन आज जबकि महिलाएं हर क्षेत्र में काम कर रही हैं और यह साबित कर चुकी हैं कि जिम्मेदारी निभाने में वे किसी से कम नहीं हैं. रेलवे भी अपनी ऐसी कर्मचारियों को प्रोत्साहित कर रहा है. रांची मंडल के जनसंपर्क विभाग में कार्यरत कलावंती सिंह ने चांद कुमारी के बारे में अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये जानकारी दी है.
कलावंती सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा है कि चांद कुमारी रांची रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पद पर कार्यरत हैं. वे लॉकडाउन में भी लगातार काम कर रही हैं. काम उनके लिए सर्वोपरि है. चांद कुमारी का जीवन संघर्ष से भरा है. उनकी शादी डीजीपी आफिस में कार्यरत शशि कुमार कच्छप से हुई थी, लेकिन विवाह के कुछ समय बाद ही उनके पति का निधन हो गया. उस वक्त चांद गर्भवती थी. पति के गुजर जाने के बाद उनका संघर्ष बढ़ गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
चांद कुमारी के पिता असम के चायबागान में नौकरी करते थे. असम बोर्ड से मैट्रिक करने के बाद वह रांची अपने बड़े भाई के पास आकर आगे की पढ़ाई करने लगी. चांद कुमारी ने प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी रांची के स्टेट लाइब्रेरी और बिहार स्टेट लाइब्रेरी से की है. उनका कहना है कि मुझे आत्मनिर्भर बनाने में पुस्तकालयों का बहुत योगदान है और इन पुस्तकालयों को जरूर बचाया जाना चाहिए. रांची विश्वविद्यालय से चांद ने इतिहास में एमए किया. वह प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी उसी दौरान रेलवे की परीक्षा पास कर सहायक स्टेशन मास्टर बन गयी.
रेलवे में स्टेशन मास्टर की नौकरी मिलने के बाद चांद कुमारी आत्मनिर्भर हो गयीं और अपनी बेटियों का बखूबी पालन-पोषण कर रही हैं. वे रांची के लालपुर में रहती हैं. उनकी पहली पोस्टिंग धनबाद में हुई थी. चांद कुमारी का कहना है कि लड़कियों को हमेशा आत्मनिर्भर होना चाहिए, ताकि जीवन में अगर कोई परेशानी हो, तो उसका मुकाबला आसानी से किया जा सके.
Posted By : Rajneesh Anand