चारा घोटाले मामले में अभियोजक बीएमपी सिंह ने कोर्ट में दी बड़ी जानकारी, लालू की बेटियों के लोकल गार्जियन थे एसबी सिन्हा
अभियोजक बीएमपी सिंह ने लालू प्रसाद, चारा घोटाला के किंग पिन क्षेत्रीय निदेशक श्याम बिहारी सिन्हा (अब मृत) व सप्लायर मो सईद की संलिप्तता की जानकारी दी. उन्होंने बिशप वेस्टकॉट गर्ल्स स्कूल, नामकुम की प्राचार्य एन जैकब की ओर से दिये गये साक्ष्यों को अदालत में पढ़कर सुनाया.
Jharkhand News, Ranchi News, Lalu Yadav Latest News रांची : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में पूर्व सीएम लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (आरसी-47 ए/96) में शुक्रवार को आंशिक सुनवाई हुई. मामले में अगली सुनवाई छह अप्रैल को होगी़.
शुक्रवार को बहस में साक्ष्यों के संबंध में वरीय विशेष लोक
अभियोजक बीएमपी सिंह ने लालू प्रसाद, चारा घोटाला के किंग पिन क्षेत्रीय निदेशक श्याम बिहारी सिन्हा (अब मृत) व सप्लायर मो सईद की संलिप्तता की जानकारी दी. उन्होंने बिशप वेस्टकॉट गर्ल्स स्कूल, नामकुम की प्राचार्य एन जैकब की ओर से दिये गये साक्ष्यों को अदालत में पढ़कर सुनाया.
उन्होंने कहा है कि लालू प्रसाद की चार बेटियां इस स्कूल में पढ़ती थी़. उनके लोकल गार्जियन के रूप में श्याम बिहारी सिन्हा, पूर्व मंत्री मो इलियास हुसैन, मो सईद व उनके एक कर्मचारी सूरज प्रसाद थे़ सूरज प्रसाद ने अदालत में कहा कि मो सईद के कहने पर वह लोकल गार्जियन बने थे.
20% रख कर सारा पैसा एसबी सिन्हा को देते थे सप्लायर :
बहस के दौरान कोलकाता के सबसे बड़े सप्लायर दीपेश चांडक (सरकारी गवाह) के साक्ष्यों को भी अदालत में पढ़कर सुनाया गया.
इसमें दीपेश चांडक ने कहा है कि सप्लायर घोटाला का 20 प्रतिशत रखकर सारा पैसा श्याम प्रसाद सिन्हा को देते थे. उसमें 30 प्रतिशत राशि एसबी सिन्हा और निदेशक केएम प्रसाद आपस में बांटते थे. वहीं 30 प्रतिशत राशि आय-व्यय पदाधिकारियों, डॉक्टरों व आय-व्यय ऑफिस में कार्यरत कर्मियों के बीच बांटी जाती थी. पांच-पांच प्रतिशत क्षेत्रीय निदेशक के ऑफिस के कर्मियों के बीच भी बंदरबांट हाेती थी. पांच प्रतिशत राशि कोषाध्यक्ष और पदाधिकारियों के बीच भी बांटी जाती थी.
Posted By : Sameer Oraon