Loading election data...

आदिवासी जमीन कब्जा मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार पर चार्जशीट, जानें पूरा मामला?

आदिवासी जमीन कब्जा करने के मामले में एससी-एसटी थाना में दर्ज केस में सीआइडी ने अनुसंधान पूरा कर अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट समर्पित कर दिया है. केस बरियातू थाना क्षेत्र के एदलहातू निवासी दीपक कच्छप की शिकायत 16 अगस्त 2022 को दर्ज हुआ था.

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2023 8:19 AM

रांची. आदिवासी जमीन कब्जा करने के मामले में एससी-एसटी थाना में दर्ज केस में सीआइडी ने अनुसंधान पूरा कर अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट समर्पित कर दिया है. केस बरियातू थाना क्षेत्र के एदलहातू निवासी दीपक कच्छप की शिकायत 16 अगस्त 2022 को दर्ज हुआ था. इसमें अली असगर, अनिल कुमार, राजीव कुमार, अली इरफान और मो इस्लाम को प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था.

‘जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसके साथ गाली-गलौज’

केस में आरोप था कि आरोपियों ने जालसाजी करके अवैध तरीके से भीठा के प्लाट नंबर-926 स्थित 1.41 एकड़ जमीन और प्लाट नंबर-611 स्थित 75 डिसमिल की खरीद-बिक्री की. साथ ही कब्जा करने के दौरान जब शिकायतकर्ता ने इसका विरोध किया, तो जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसके साथ गाली-गलौज की गयी. केस दर्ज कर पुलिस अनुसंधान कर रही थी. लेकिन, बाद में गहराई से अनुसंधान के लिए केस को सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया गया था.

Also Read: झारखंड : ED के डर से कई अधिकारी और कारोबारी ज्योतिष की शरण में, कब तक रहेगा मंत्र का असर ?

क्या मिला सीआइडी को अनुसंधान में

सीआइडी के डीएसपी ने अनुसंधान के दौरान पाया कि उक्त जमीन दीपक कच्छप के परदादा कोल्हा मुंडा ने वर्ष 1959 में खरीदी थी. तब से उनके वंशज गरीब आदिवासियों का उस भूमि पर शांतिपूर्ण कब्जा और दखल चल रहा था. लेकिन, अधिवक्ता राजीव कुमार ने सब कुछ जानते हुए छलपूर्वक दबंगई के साथ अवैध तरीके से उक्त भूमि से कमजोर आदिवासियों को बेदखल कर दिया. इसके बाद जबरन चहारदीवारी खड़ी कर जमीन पर कब्जा कर लिया गया. साथ ही जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया. अनुसंधान के दौरान अरगोड़ा थाना क्षेत्र के गौरी शंकर निवासी अधिवक्ता राजीव कुमार को दोषी पाया गया था, जिसके बाद सीआइडी ने धारा 417, 420, 506,504, 120 बी और एससी-एसटी एक्ट में चार्जशीट दायर किया है. अन्य आरोपियों पर सीआइडी का अनुसंधान जारी है.

Next Article

Exit mobile version