रांची : क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, कोलकाता सहित अन्य जगहों के दर्जनों लोगों से करीब 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी साइबर अपराधियों ने की. इसके बाद तीन बार दुबई और एक बार रूस सहित अन्य जगहाें पर जाकर गिरोह के लोगों ने मौज-मस्ती में पैसे उड़ाये. जबकि कुछ पैसे इन लोगों ने क्रिप्टो करेंसी फॉर्म में रखा है. इस गिरोह में शामिल एक सदस्य को बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के एमआइटी से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी का नाम शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की (36 वर्ष) है. उसके पास से एक मोबाइल, दो सिम, चार चेकबुक, एक पासबुक और एक वाई-फाई राउटर बरामद किया गया है. इसकी गिरफ्तारी में सीआइडी की साइबर थाना को ब्रह्मपुरा थाना ने सहयोग किया. इस मामले में बोकारो जिले के चास थाना क्षेत्र निवासी एक पीड़ित ने साइबर थाना में प्राथमिकी करायी थी.
दर्ज प्राथमिकी में शिकायतकर्ता ने बताया कि शुरुआत में गोल्ड बांड के माध्यम से आरोपी शशि ने उसे लाभ पहुंचाया. इससे उनका विश्वास बढ़ा. फिर शशि और उसके मित्र द्वारा उनको क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर लाभ कमाने को कहा गया. इनके द्वारा यह भी कहा गया कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश पर 300 प्रतिशत तक मुनाफा होगा. साथ ही आप लोग जिनको भी ब्लॉक चेन से जोड़ेंगे, उसके बदले प्रतिदिन कमीशन के रूप में 0.6 से 1.2 प्रतिशत तक मुनाफा अलग से मिलेगा. इसी क्रम में आरोपी व उसके सहयोगियों द्वारा झारखंड के कई शहरों रांची, बोकारो, जमशेदपुर सहित अन्य में जाकर वहां के बड़े होटलों व अन्य स्थानों पर ओरोपेय कंपनी से संबंधित कई कार्यक्रम किये गये. इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के लिए मुफ्त में भोजन व जलपान की उत्तम व्यवस्था रहती थी. वहीं भारतीय मुद्रा की फर्जी नोटों की गड्डियों को फाड़कर ये लोग यह संदेश देते थे कि अब यह मुद्रा भूतकाल की बनकर रह गयी है. भविष्य सिर्फ और सिर्फ क्रिप्टो करेंसी का है. लोगों का इन सब चीजों से विश्वास बढ़ा और बड़ी मात्रा में इनलोगों ने निवेश कराया. फिर एक दिन अचानक शशि और इसके सहयोगियों ने इगी के लिए बनाये गये फर्जी वेबसाइट www.oropay.io को एक दिन अचानक बंद कर दिया और फरार हो गये. इसके बाद निवेशकों ने अलग-अलग होकर इनलोगों को खोजना शुरू किया और मामले में शिकायत दर्ज करायी. कार्यक्रम के दौरान यह लोगों को बताता था कि वे लोग फिल्मी दुनिया में काम करते हैं. लेकिन असलियत में यह लोग साइबर ठगी का काम करते थे.
धनबाद के रहनेवाले मनोज पासवान ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी के नाम पर इन्होंने आठ लाख रुपये का निवेश किया था. वहीं ओरोपेय के ब्लॉक चेन के जरिये उन्होंने कई लोगों से 70 से 80 लाख रुपये का निवेश भी कराया था. मामले को लेकर वे भी प्राथमिकी दर्ज करायेंगे.