Chhath 2020 latest update : छठ में छूट पर पक्ष विपक्ष सब एकजुट
महापर्व छठ को लेकर झारखंड सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के विरोध में पक्ष-विपक्ष एकजुट हो गये हैं
रांची : लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के विरोध में पक्ष-विपक्ष एकजुट हो गये हैं. सत्ताधारी दल झामुमो और कांग्रेस के साथ प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी गाइडलाइन पर एतराज जताया है. सोमवार को झामुमो नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर आदेश पर पुनर्विचार करने की गुहार लगायी.
वहीं, पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने आदेश में संशोधन कर छठ घाटों पर पूजा करने की अनुमति देने का आग्रह किया. उधर, सोशल साइट्स पर आम लोग भी इस मुद्दे को लेकर आक्रोश जता रहे हैं. झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार ने तो आपदा प्रबंधन विभाग को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा :
आपदा प्रबंधन विभाग ही राज्य की सबसे बड़ी आपदा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन में संशोधन करने का आग्रह किया. इधर, कांग्रेस ने भी सरकार के आदेश पर सवाल उठाया.
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह फैसला छठ के प्रति आस्था व विश्वास पर चोट पहुंचानेवाला है. अधिकारी केवल कोविड-19 को केंद्र बिंदु में रखकर निर्णय लेते हैं. उन्हें यह भी समझना होगा कि लोक आस्था के पर्व छठ पर असंख्य लोगों का विश्वास है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र :
छठ को लेकर जारी गाइड लाइन का विरोध करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि सरकार लोक आस्था के पर्व पर खिलवाड़ नहीं करे. इस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए.
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिहार की तर्ज पर तालाबों में छठ पूजा की अनुमति देने की मांग सरकार से की है. छठ घाटों पर पूजा की अनुमति देने की मांग करते हुए सोमवार को सांसद संजय सेठ एवं विधायक सीपी सिंह समेत अन्य भाजपा नेताओं ने रांची के बटन तालाब में उतर कर विरोध प्रदर्शन भी किया.
छठ को लेकर जारी दिशा-निर्देश
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि छठ के दौरान किसी भी नदी, लेक, डैम या तालाब के छठ घाट पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा. छठ घाट के समीप कोई दुकान, स्टॉल आदि नहीं लगेगा. पर्व के दौरान सार्वजनिक स्थल पटाखा, लाइटिंग और मनोरंजक कार्यक्रम पर रोक रहेगी.
विभागीय के मुताबिक, छठ के दौरान नदी, तालाब, डैम, लेक आदि में स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहनना संभव नहीं है. वहीं, सोशल डिस्टैंसिंग का पालन भी नहीं हो पायेगा. नदी व तालाब आदि के एक ही पानी में सैकड़ों भक्त भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए उतरते हैं. ऐसे में कोरोना का संक्रमण फैैल सकता है.
एेसे में बेहतर होगा कि लोग अपने घरों में ही यह महापर्व मनायें. उधर, बिहार में इस बार गंगा समेत राज्य की तमाम बड़ी नदियों के घाटों पर छठ पर्व का आयोजन नहीं होगा. लेकिन, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मौजूद तालाब में छठ पर्व करने की अनुमति दी गयी है.
posted by : sameer oraon