Chhath Mahaparv 2024, रांची : छठ महापर्व ऐसा है कि ये सात समंदर पार रहने वाले लोगों को भी अपनी तरफ खींच लेती है. रांची में रहने वाले लोगों की भी यही कहानी है. राजधानी में रहने वाली पूनम और सुनाली की भी यही कहानी है. ये दोनों बीते कई सालों से विदेश में रह रहे हैं. लेकिन छठ पर्व के समय ये हमेशा अपने घर आतीं हैं. इनका कहना है कि छठ के समय बाहर रहना इन्हे बेचैन कर जाता है.
नीदरलैंड से छठ महापर्व मनाने पहुंची है सोनाली गुप्ता
लालपुर की रहने वाली सोनाली गुप्ता कहती हैं कि वे दो वर्षों से नीदरलैंड में रह रहीं हैं. वे वहां एक कंपनी में बतौर इंजीनियर अपनी सेवा दे रहीं हैं. वे कहती हैं कि वह इतनी दूर से छठ मनाने के लिए पूरे परिवार के साथ रांची पहुंची हैं. बीते 14 साल से वे घर से बाहर रह रहीं हैं. 7 साल से विदेश में हूं, लेकिन जब छठ महापर्व आता है अपने घर जरूर आती हूं. सोनाली ने अपने मास्टर्स की पढ़ाई इटली से की है. इससे पहले बी.टेक की पढ़ाई भुवनेश्वर से की. 12वीं तक की पढ़ाई रांची से की हैं. सोनाली का कहना है कि वे छठ महापर्व की महिमा को देखते आ रही है. इस पर्व में पूरे परिवार के साथ साथ समाज के लोगों से भी मिलना जुलना हो जाता है.
कनाडा से लौटी हैं पूनम स्नेहा छठ महापर्व सेलिब्रेट करने
खेलगांव की रहने वाली पूनम स्नेहा कनाडा में रहकर मास्टर मैनेजमेंट की पढ़ाई करतीं हैं. उन्होंने अपने स्नातक की पढ़ाई एनआईएफटी पटना से की है. जबकि उसकी स्कूलिंग डीएवी बरियातू से हुई है. उनका कहना है कि छठ महापर्व में हम सब सूर्यदेव को अर्घ देते हैं. सूर्यदेव को अर्घ देने का अपना वैज्ञानिक महत्व है. इस पर्व पीछे विज्ञान है. ऐसे में इस महापर्व के समय घर से बाहर रहना बेचैन कर जाता है. सोनाली कहतीं हैं, कि मैं कहीं भी रहूं छठ में घर जरूर आती हूं. पूरा परिवार श्रध्दा के साथ छठी मइया की उपासना करता है. मां गीता देवी और दीदी बेबी कुमारी छठी मइया की उपसना करती हैं.