सात समंदर पार गूंज रहे छठी मइया के गीत, जानें विदेश में रह रहे झारखंड के लोग कैसे मना रहे महापर्व

बिहारीज बियॉन्ड बाउंड्रीज यूके इस ग्रुप में बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के 400 परिवार शामिल हैं. दूसरी बार सामूहिक रूप से छठ महापर्व मना रहे हैं. इंग्लैंड के लीड्स शहर में स्थित लीड्स हिंदू मंदिर में भव्य तैयारी है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2023 11:50 AM

रांची : छठ महापर्व की आस्था सात समंदर पार यानी विदेशी धरती पर फैल गयी है. यह एक ऐसा पर्व है, जो परिवार को एकजुट करने का संदेश देता है. इस पर्व की महत्ता विदेश में बसे हर भारतीय को मालूम है. इसलिए विदेश में रहकर भी छठ महापर्व का अनुष्ठान कर रहे हैं. कहीं सामूहिक तो कहीं घर में ही पूजा-अर्चना की तैयारी है. कई लोग छठ के अवसर पर विदेशी जमीं छोड़ अपने घर रांची पहुंच चुके हैं और व्रतियों की मदद कर रहे हैं. -पूजा सिंह की रिपोर्ट

इंग्लैंड के लिड्स टेंपल में 400 परिवार एक साथ करेंगे छठ

बिहारीज बियॉन्ड बाउंड्रीज यूके इस ग्रुप में बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के 400 परिवार शामिल हैं. दूसरी बार सामूहिक रूप से छठ महापर्व मना रहे हैं. इंग्लैंड के लीड्स शहर में स्थित लीड्स हिंदू मंदिर में भव्य तैयारी है. सभी मिलकर लिड्स हिंदू टेंपल में छठी मइया की आराधना करते हैं. शुक्रवार को नहाय-खाय अनुष्ठान के बाद सभी शाम में इसी मंदिर में पहुंचे. ग्रुप के सह संस्थापक निशांत नवीन ने बताया कि एक ही जगह पर महाप्रसाद बनेगा.

इस बार छह हजार ठेकुआ बना कर पैकिंग की जायेगी, ताकि उन लोगों तक यह प्रसाद पहुंचाया जा सके, जो इस पूजा में शामिल नहीं हो सके. इसके लिए 75 वॉलिंटियर जुटे हुए हैं. ऋषिकांत वर्मा ने बताया कि कोशिश है कि हमारे बच्चे भी बढ़-चढ़ कर इस महापर्व को मनायें. अपनी संस्कृति और प्रथाओं से जुड़ा हुआ महसूस करें. इस वर्ष बच्चों के लिए खास छठ चित्रांकन और छठ गीत प्रतियोगिता, एनिमेशन के माध्यम से छठ पूजा की कथा और ठेकुआ मेकिंग एक्सपीरियंस की व्यवस्था की है. पंकज झा ने बताया कि आयोजन स्थल पर मधुबनी पेंटिंग, छठ के भोजपुरी और मगही गीतों से भरे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे.

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बजाना से जुड़े सदस्य एक साथ घाट पर करेंगे अनुष्ठान

बिहार झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका की ओर से सातवें वर्ष भी छठ पूजा का आयोजन किया गया है. महापर्व में इस ग्रुप के 1000 से अधिक सदस्य शामिल हैं. इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात, ओड़िशा और नेपाल के लोग भी शामिल होते हैं. उत्तरी अमेरिका में छठ महापर्व की शुरुआत बिहार और झारखंड के लोगों के सामाजिक कल्याण के लिए काम करनेवाले समुदाय बजाना के माध्यम से की थी. इस वर्ष 25 व्रती एक साथ पूजा कर रहे हैं. बजाना अध्यक्ष अनुराग कुमार ने कहा कि इस बार कुछ ग्रह नक्षत्र के कारण शनिवार को पहला और रविवार को दूसरा अर्घ दिया जायेगा. इस बार पापायैनी पार्क एडिसन न्यू जर्सी में सामूहिक छठ का आयोजन किया गया है. नहाय-खाय गुरुवार और खरना अनुष्ठान शुक्रवार को संपन्न हो गया. छठ घाट से सीधा प्रसारण फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जायेगा. उपाध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा अधिक से अधिक लोग संगठन के साथ जुड़ रहे हैं.

भारत से कुरियर से मंगाना पड़ा सूप, आलता और सिंदूर

ममता झा सिंगापुर में लगातार पांच वर्षों से छठ व्रत कर रही हैं. इस बार भी शुक्रवार को नहाय-खाय अनुष्ठान पूरा किया, जिसमें वहां रहनेवाले कई भारतीय शामिल हुए. वह कहती हैं : 19 वर्षों से से सिंगापुर में रह रही हूं. पहले बिजहार ग्रुप में व्रतियों को छठ करने में मदद करती थी. फिर उनके इंडिया चले जाने के बाद खुद ही व्रत करने लगी. यहां छठ से जुड़ी अधिकतर पूजन सामग्री उपलब्ध रहती हैं. हालांकि सूप, अालता, सिंदूर भारत से कुरियर से मंगाना पड़ता है. शुक्रवार को नहाय-खाय का प्रसाद ग्रहण करने के लिए करीब 100 महिलाएं आयीं. इस बार बिजहार ग्रुप द्वारा सामूहिक छठ का आयोजन नहीं किया जा रहा है. इसलिए अधिकतर व्रती अपने घर में ही अनुष्ठान कर रहे हैं.

मां-बेटी शिकागो में कर रही हैं छठ

धुर्वा के सुरेश नारायण सिंह, पत्नी शकुंतला सिंह के साथ शिकागो में बेटी प्रियंका सिंह व दामाद राघवेंद्र सिंह से मिलने गये हैं. इस बार शिकागो में ही उनकी पत्नी व बेटी छठ व्रत कर रही हैं. संत मार्गरेट बालिका उवि के पूर्व शिक्षक सुरेश नारायण सिंह बताते हैं : पांच महीने पहले बेटी-दामाद से मिलने यहां आये हैं. इसके बाद यहीं छठ पर्व का अनुष्ठान करने का निर्णय लिया गया. पत्नी रांची में 38 वर्षों और बेटी शिकागो में सात वर्षों से छठ व्रत कर रही हैं. इस वर्ष भी शुक्रवार को विधि-विधान के साथ नहाय-खाय का अनुष्ठान किया गया. यहां के भारतीय बाजार में पूजा से जुड़ी सभी सामग्री मिल गयी है. खरना के बाद ठेकुआ प्रसाद बनाने की तैयारी है. हालांकि रांची की छठ पूजा के माहौल को काफी मिस कर रहे हैं.

फ्लोरिडा में व्रत कर रहीं नेहा शरण

अशोक नगर की नेहा शरण दो वर्षों से फ्लोरिडा स्थित घर में छठ व्रत कर रही हैं. वह बताती हैं: दो साल से फ्लोरिडा में रह रही हूं. इस बार तीसरी बार छठ व्रत कर रही हूं. यहां स्थित इंडियन स्टोर से पूजन सामग्री की खरीदारी हाे चुकी है. जो सामग्री नहीं मिली, उसे ऑनलाइन मंगायी हूं. यहां अकेले ही तैयारी में जुटी हूं. रांची की छठ पूजा की काफी याद आती है.

कैलिफोर्निया से छठ करने आयी हैं अर्चना साहू, बेटा-पति भी साथ

अपर बाजार की अर्चना साहू कैलिफोर्निया से छठ करने रांची पहुंची हैं. अर्चना बताती हैं : पिछले साल भी छठ करने रांची आयी थी. इस बार भी यहां व्रत कर रही हूं. वह पति मनोज आर्या के साथ कैलिफोर्निया में 1999 से रह रही हैं. उन्होंने बताया कि कैलिफोर्निया में भी छठ महोत्सव का बड़ा आयोजन होता है. बेटा अमन आर्या भी रांची आया है, ताकि अपनी संस्कृति परंपरा को जान सके.

जापान से रांची पहुंचे अमित कुमार

रातू रोड के अमित कुमार पत्नी स्तुति के साथ छठ पूजा के लिए जापान के तोक्यो शहर से रांची पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि आस्था और संस्कृति का महापर्व छठ शुरू हो चुका है. यहां मां गीता सिन्हा छठ व्रत कर रहीं हैं. उनके सहयोग के लिए हम दोनों हर साल रांची आते हैं. छठ पर्व में घर आकर काफी आनंद मिलता है. यहां मां का सहयोग कर अच्छा लगता है. हमलोगों ने चावल, दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद तैयार करने में मां की मदद भी की.

ऑस्ट्रेलिया से आये हैं सचिन व विशाखा

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से सचिन कौशिक व विशाखा शुक्ला गुरुवार को रांची पहुंचे. दोनों छठ पर्व के लिए रांची आये हैं. विशाखा ने कहा : मां छठ पर्व करती है. हर वर्ष तो आना संभव नहीं है, लेकिन इस बार छठ महापर्व पर घर आने का अवसर मिला है. ऐसे ऑस्ट्रेलिया में ही दोस्तों की बीच छठी मइया की पूजा करती हूं. इस बार परिवार के बीच आकर काफी अच्छा लग रहा है. इस पर्व में हमेशा परिवार को काफी मिस करते हैं.

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