रांची : छठ महापर्व को लेकर बड़ी तादाद में लोग रांची से बिहार सहित दूसरे प्रदेशों में स्थित अपने घर जा रहे हैं. इस कारण अगले तीन दिनों तक बिहार जाने वाली अधिकांश बसों की सीटें फुल हो गयी हैं. करीब 200 अंतरराज्यीय बसों को स्टेट कैरेज परमिट है. इसके अलावा बस संचालक चार से सात दिनों के लिए पर्यटक परमिट लेकर भी मंगलवार से 50 की संख्या में बसों को चलाने की तैयारी में हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके.
लंबे अरसे बाद यात्रियों की भीड़ देख कर बस संचालक व स्टाफ गदगद दिखे. सोमवार को प्रभात खबर की टीम ने रांची रेलवे स्टेशन, बिरसा मुंडा खादगढ़ा बस स्टैंड, रातू रोड, आइटीआइ, सरकारी बस स्टैंड व धुर्वा बस स्टैंड का जायजा लिया. सभी जगह यात्रियों की भीड़ दिखी. हालांकि दूसरें बस स्टैंडों की अपेक्षा सरकारी बस स्टैंड में भीड़ कम थी. इधर, बसों को लेकर परिवहन विभाग की ओर से जारी स्टैंड ऑपरेटिंग प्रोसिडियोर (एसओपी) का सही तरीके से पालन नहीं होने की बात सामने आयी.
पहले की तरह कोरोना को लेकर लोगों में खौफ नहीं दिखा. बसों में सवार होने के दौरान कुछ यात्रियों का थर्मल स्कैनर से जांच की जा रही थी, तो कुछ यात्रियों को ऐसे ही जाने दिया जा रहा था. कई यात्री ऐसे भी मिले, जिन्होंने मास्क नहीं लगाया था. पूछने पर पॉकेट से मास्क निकाल कर दिखाया. रांची रेलवे स्टेशन पर भी सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनर से जांच नहीं की जा रही थी. स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर सिर्फ यात्रियों को ही प्रवेश करने दिया जा रहा था.
ऐसे में जो महिला यात्री अकेले घर जाने के लिए ट्रेन पकड़ने आयी थी, उनको परेशानी का सामना करना पड़ा. ठंड के कारण उनके पास सामान ज्यादा होने के कारण उन्हें खुद से ढोना पड़ रहा था. बसों में कुछ यात्रियों ने पूर्व निर्धारित भाड़ा से 50 से 100 रुपये ज्यादा लेने की शिकायत की. वहीं बस संचालक व एजेंट का कहना था कि वे लोग पूर्व निर्धारित किराया ही यात्रियों से वसूल कर रहे हैं.
छठ को लेकर अगले तीन दिनों तक बिहार जाने वाली बसों की सीटें फुल हैं. ऐसे में पर्यटक परमिट लेकर यात्रियों के लिए कुछ और बसों का इंतजाम करने का प्रयास किया जा रहा है. यात्रियों से किराया पूर्व निर्धारित ही लिया जा रहा है. सीट के अनुसार ही पैसेंजर ले जाया जा रहा है. परिवहन विभाग के एसओपी का पालन पूर्ण रूप से करने को लेकर स्टाफ को निर्देश दिया गया है.
-कृष्ण मोहन सिंह, अध्यक्ष, रांची बस ओनर्स एसोसिएशन
छठ के कारण बस स्टैंड में यात्रियों की भीड़ बढ़ी है. लोग समझ रहे हैं कि कोरोना खत्म हो गया, लेकिन ऐसा नहीं है. यात्रियों को जागरूक करने के लिए टीम बनायी गयी है. मंगलवार से गुरुवार तक हर स्टैंड में जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.
-प्रवीण प्रकाश, डीटीओ, रांची
रांची. सरकारी बस स्टैंड में दिन के ढाई बजे पहले की तुलना में काफी कम संख्या में पैसेंजर नजर आये. यहां से धनबाद, जमशेदपुर के लिए बस निकलने वाली थी, लेकिन किसी की थर्मल स्कैनिंग नहीं की जा रही थी. हालांकि पैसेंजर कम होने से बस में सीटें काफी संख्या में खाली ही रहीं. वहीं टिकट काउंटर पर भी बिना मास्क वाले पैसेंजर को टिकट दिया जा रहा था.
पैसेंजर का कहना था कि स्टैंड में स्वच्छता और महिला सुरक्षा का अभाव साफ नजर आ रहा है. उस पर से किराया अधिक लिया जा रहा है. यहां कोरोना का किसी को कोई भय नहीं है. ड्राइवर व खलासी बिना मास्क के पैसेंजर बैठा रहे थे. यहां दिन में झारखंड के विभिन्न शहरों के लिए बस सुबह पांच बजे से खुलती है.
रात को बिहार के लिए बस निकलती है. पहले यहां हर 15 मिनट व आधे घंटे में बस निकला करती थी, लेकिन पैसेंजर कम होने से एक से सवा घंटे में बस निकल रही है. पूर्व में करीब 100 बस यहां से चलती थी. अब 20-25 ही प्रतिदिन निकल रही है. बस स्टैंड के केयर टेकर मिंटू ने बताया कि यहां पैसेंजर काफी कम होने से बस की संख्या काफी कम हो गयी है.
जगह किराया
हजारीबाग 180
चाईबासा 220
गढ़वा 230
डाल्टेनगंज 280
गिरिडीह 400
धनबाद 300
हजारीबाग 180
टाटा 300
छठ को लेकर आइटीआइ बस स्टैंड में यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है. बस एजेंट नहाय-खाय और खरना के दिन सर्वाधिक भीड़ होने की उम्मीद कर रहे हैं. बस स्टैंड पर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. बिना थर्मल स्कैनिंग के ही यात्रियों को बसों में प्रवेश दिया जा रहा है.
आइटीआइ बस स्टैंड में ज्यादातर लोग बिना मास्क के ही घूमते दिखे. बसों में बैठे यात्रियों में से इक्का-दुक्का के चेहरे पर ही मास्क था. हालांकि, बस के ड्राइवर और खलासी मांगने पर यात्रियों को सैनिटाइजर दे रहे थे. बसों में सीटों की संख्या के मुताबिक ही यात्री दिखे. यात्रियों की संख्या अधिक होने पर ड्राइवर के केबिन में उन्हें जगह दी जा रही थी. एक एजेंट से पूछने पर बताया कि अगले एक-दो दिनों में यात्रियों की संख्या में इजाफा होने पर लकड़ी की बेंच बसों में लगायी जा सकती है.
धुर्वा स्टैंड से 18 नवंबर तक बसों में सीटें फुल : छठ पर्व को लेकर धुर्वा बस स्टैंड से खुलनेवाली अधिकांश बसों में 18 नवंबर तक सीटें फुल हो गयी हैं. यहां से प्रतिदिन 16 से 18 बसें बिहार के लिए खुलती हैं. यहां से सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पटना, बक्सर, औरंगाबाद, डेहरी आदि स्थान के लिए बस खुलती है. शाम चार बजे से रात आठ बजे तक बस खुलती है. एक बस एजेंट ने बताया कि पहले की तरह ही यात्रियों से किराया लिया जा रहा है. इसमें वृद्धि नहीं की गयी है.
जगह नन एसी एसी
रांची-सीवान 600 700
रांची-डेहरी 400 500
रांची-मुजफ्फरपुर 600 700
रांची-दरभंगा 600 700
रांची-पटना 400 450
रांची-आरा 400 500
posted by : sameer oraon