Chhath Puja 2021 : महापर्व छठ को लेकर रांची के घाटों पर कैसी है तैयारी, नगर निगम के दावों की ये है जमीनी हकीकत

स्थानीय लोग घाटों की स्थिति देखकर परेशान हैं. कई घाटों के किनारे गंदगी फैली हुई है, तो कई जगहों पर पानी गंदा है. लोगों का कहना है कि तालाब और तालाब घाट पर पसरी गंदगी संतान की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए किये जाने वाले महाव्रत में बाधक बन सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2021 1:58 PM
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Chhath Puja 2021, रांची न्यूज : आस्था का महापर्व छठ आठ नवंबर से शुरू हो रहा है. व्रती पहला अर्घ्य 10 नवंबर को देंगी़ छठ पर्व को लेकर उल्लास है, लेकिन अभी तक सभी छठ घाटों की पूरी सफाई नहीं हुई है़ शहर के बीचोबीच स्थित कुछ छठ घाटों में साफ-सफाई दिख रही है, लेकिन दूसरे घाटों पर अब तक नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान नहीं गया है़

स्थानीय लोग घाटों की स्थिति देखकर परेशान हैं. कई घाटों के किनारे गंदगी फैली हुई है, तो कई जगहों पर पानी गंदा है. लोगों का कहना है कि तालाब और तालाब घाट पर पसरी गंदगी संतान की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए किये जाने वाले महाव्रत में बाधक बन सकती है.

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जेल मोड़ तालाब का पानी साफ है, लेकिन तालाब के किनारे गंदगी पसरी हुई है़ साथ ही दो किनारों पर पानी की गहराई उतरते ही पांच फीट से ज्यादा है. खरना नौ नवंबर को है, लेकिन तालाब के मुख्य गेट और किनारों पर अब भी गंदगी का ढेर पसरा हुआ है. गेट के करीब बने घेरे और इसके बाहर काफी मात्रा में विसर्जित पूजन सामग्री बिखरी पड़ी है.

कांके डैम में कई जगहों पर सीढ़ियां टूटी हुई हैं. एक सीढ़ी नीचे उतरने पर काफी फिसलन है. यहां पर काई भी जमी हुई है. इस कारण छठ व्रतियों को काफी सावधानी बरतनी होगी़

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हटिया स्वर्णरेखा नदी में कचरा फैला हुआ है. अब तक सफाई नहीं हुई है. निगम के अधिकारी अब तक घाट को देखने तक नहीं आये हैं. छठ घाट जाने वाली सीढ़ी भी क्षतिग्रस्त है. टूटी हुई है. यहां पर लगभग आठ हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं.

हेसाग तालाब में छठ व्रत पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है़ छठ गंदगी के साथ जलकुंभी भरा हुआ है. स्थानीय लोगों ने थोड़ी बहुत सफाई की है, लेकिन रांची नगर निगम का इस ओर ध्यान नहीं गया है़ यहां हर वर्ष करीब 10 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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दीपाटोली स्थित बांधगाड़ी करम गड़हा तालाब में छठ को लेकर फिलहाल कोई तैयारी नहीं की गयी है. वार्ड नंबर छह में पड़ने वाले इस तालाब में दुर्गा पूजा विसर्जन से जुड़े अवशेष चारों ओर बिखरे पड़े हैं. तालाब का पानी गंदा है. चारों किनारे में खड़ी ढलान से मिट्टी भरभरा कर तालाब में गिर रही है. छठ घाट की सीढ़ियां तक टूटी हुई हैं.

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केतारी बगान के स्वर्णरेखा छठ घाट की स्थिति काफी खराब है. नगर निगम ने अब तक सफाई नहीं की है. पानी गंदा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी काला हो गया है. यह स्थिति हरमू नदी और अन्य जगहों की गंदगी के कारण बनी हुई है. सबको चिंता है कि आखिर वह भगवान भास्कर को कैसे अर्घ्य देंगे.

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चडरी स्थित लाइन टैंक तालाब यूं तो साफ है, लेकिन तालाब के किनारे भारी मात्रा में गंदगी पसरी हुई है. शनिवार को नगर निगम के सफाईकर्मी साफ-सफाई में जुटे हैं. नगर निगम के ट्रैक्टरों से विसर्जन सामग्री को ढोया जा रहा है. यहां सबसे बड़ी समस्या है कि बैरिकेडिंग की व्यवस्था नहीं है.

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जेल मोड़ तालाब का पानी साफ है, लेकिन तालाब के किनारे गंदगी पसरी हुई है़ साथ ही दो किनारों पर पानी की गहराई उतरते ही पांच फीट से ज्यादा है. खरना नौ नवंबर को है, लेकिन तालाब के मुख्य गेट और किनारों पर अब भी गंदगी का ढेर पसरा हुआ है. गेट के करीब बने घेरे और इसके बाहर काफी मात्रा में विसर्जित पूजन सामग्री बिखरी पड़ी है.

टुंकीटोला रिम्स तालाब के घाट की सफाई हो गयी है़ वहीं बरियातू जोड़ा तालाब की सफाई अंतिम चरण में है़ शनिवार को निगम के कर्मचारी सफाई कार्य में जुटे रहे़ यहां तालाब की सीढ़ी खत्म होते ही लगभग चार फीट की गहराई है. दिव्यायन तालाब, मोरहाबादी की सफाई पूरी हो चुकी है. हालांकि, दीपावली पूजन में विसर्जित किये गये सामान अब भी परिसर के बाहर पड़े हुए हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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