Chhath Puja 2022: रांची के बुंडू स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में महापर्व छठ को लेकर तैयारी की गयी है. छठ को लेकर बुंडू सहित पूरे पंच परगना के अलावा राजधानी रांची के श्रद्धालु बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं. मंदिर परिसर में धर्मशाला पर छठ व्रतियों एवं उनके परिजनों के रहने की व्यवस्था संस्कृति बिहार की ओर से की जाती है. इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक और संस्कृति बिहार की ओर से छठ घाट की साफ-सफाई, विद्युत सज्जा की गयी है. छठ पूजा करने वालों के लिए टोकन की सुविधा है. पूजा को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं.
4 साल में बनकर तैयार हो गया था सूर्य मंदिर
रांची के बुंडू प्रखंड के एदेलहातु स्थित रांची-टाटा राष्ट्रीय मार्ग-33 के किनारे विशाल सूर्य मंदिर की धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पहचान है. इस मंदिर के निर्माण के लिए यहां के तत्कालीन मुंडारी खूंटकट्टी जमींदार स्वर्गीय प्रधान सिंह मुंडा ने 27 अप्रैल 1988 को एक सादा पट्टा में तत्कालीन संस्कृति बिहार के अध्यक्ष सीताराम मारू को 11 एकड़ जमीन सूर्य मंदिर निर्माण के लिए दी थी. मंदिर का निर्माण कार्य 4 वर्षों में पूरा कर लिया गया था. इसकी देखरेख संस्कृति बिहार के संयोजक अशोक अग्रवाल कर रहे थे.
सूर्य मंदिर के सामने 1990 से हो रही छठ पूजा
तत्कालीन संस्कृति बिहार के अध्यक्ष सीताराम मारू के निधन के बाद सीताराम मारू के पुत्र व पूर्व सांसद अजय मारू इसे देख रहे थे और संस्कृति बिहार की देखरेख प्रमोद कुमार के हाथों से सौंप दिया गया. 1990 से सूर्य मंदिर के सामने हरली चेकडैम में सबसे पहले छठ पूजा का शुभारंभ सीताराम मारू के नेतृत्व में किया गया था. इसके बाद इस डैम का नाम सूर्य सरोवर रखा गया. झारखंड अलग राज्य होने के बाद इसकी ख्याति पूरे प्रदेश में हो गई और विभिन्न राज्यों के लोग सूर्य मंदिर को देखने के लिए आने लगे.
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
मकर सक्रांति के बाद प्रसिद्ध टुसू मेले का आयोजन 2 दिन होता है. यहां पर बड़ी संख्या में लोग देखने के लिए आते हैं. इस क्षेत्र का सबसे भीड़ वाला बड़ा मेला के रूप में इनकी पहचान है. छठ पर्व को लेकर बुंडू सहित पूरे पंच परगना के अलावा राजधानी रांची के श्रद्धालु बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं. मंदिर परिसर में धर्मशाला पर छठ व्रतियों एवं उनके परिजनों के रहने की व्यवस्था संस्कृति बिहार की ओर से की जाती है. इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक और संस्कृति बिहार की ओर से छठ घाट की साफ-सफाई, विद्युत सज्जा और नहाय-खाय करने वालों के लिए टोकन की सुविधा है. पूजा करने वाले संपर्क कर स्थान सुनिश्चित कर सकते हैं. संस्कृति बिहार के पदाधिकारियों से कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है. आयोजन समिति की ओर से महापर्व छठ में अर्घ्य देने के लिए नि:शुल्क दूध की व्यवस्था कराई गई है. इस सूर्य मंदिर सरोवर में भीड़ को देखते हुए अनुमंडल प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
रिपोर्ट : आनंद राम महतो, बुंडू, रांची