Chhath Puja 2022 Arghya Date and Time: रांची में 5:12 बजे दिया जायेगा पहला अर्घ्य, जानें आपके शहर का समय
Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Date and Time in Jharkhand: रविवार 30 अक्टूबर को झारखंड समेत देश भर में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. 31 अक्टूबर को उषाकाल में भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जायेगा. रांची में शाम 5 बजकर 12 मिनट पर पहला अर्घ्य दिया जायेगा.
Chhath Puja 2022 Arghya Date and Time in Jharkhand: नहाय-खाय के साथ 28 अक्टूबर को छठ पूजा का शुभारंभ हुआ. आज यानी 29 अक्टूबर को खरना है. रविवार 30 अक्टूबर को झारखंड समेत देश भर में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य (Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Date and Time) दिया जायेगा. इसके बाद 31 अक्टूबर को उषाकाल में भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जायेगा. छठ महापर्व (Chhath Mahaparv) को देखते हुए रांची स्थित मौसम केंद्र (Meteorological Center Ranchi) ने स्पेशल बुलेटिन जारी किया है. इसमें 30 अक्टूबर के सूर्यास्त और 31 अक्टूबर के सूर्योदय के समय की जानकारी दी गयी है. साथ ही यह भी बताया गया है कि इन दो दिनों में मौसम कैसा रहेगा. आपके शहर में 30 अक्टूबर के सूर्यास्त और 31 अक्टूबर के सूर्योदय का समय यहां देखें.
छठ के दिन कैसा रहेगा मौसम, IMD रांची ने जारी किया स्पेशल बुलेटिनमौसम विभाग ने शनिवार को छठ महापर्व के लिए जो विशेष मौसम बुलेटिन जारी किया है, उसमें बताया गया है कि झारखंड और राजधानी रांची में 30 और 31 अक्टूबर को सुबह में कोहरा या धुंध छाया रहेगा. बाद में आसमान साफ रहेगा. मौसम शुष्क रहने रहेगा. इस दौरान झारखंड में इन दो दिनों का अधिकतम तापमान 27 से 32 डिग्री के बीच रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान 13 से 18 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है. वहीं, राजधानी रांची में अधिकतम तापमान 27 से 29 डिग्री के बीच रह सकता है. न्यूनतम तापमान यहां 14 से 16 डिग्री सेंटीग्रेड रहने का अनुमान है.
बुलेटिन के मुताबिक, राजधानी रांची में 30 अक्टूबर को शाम 5:12 बजे सूर्यास्त होगा. यानी रांची में छठव्रती शाम 5:12 बजे (5 बजकर 12 मिनट) अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे. रांची में 31 अक्टूबर को सुबह 5:54 बजे (5 बजकर 54 मिनट) सूर्योदय होगा. छठव्रती इसी समय यानी सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे. इसके साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जायेगा. बता दें कि छठ महापर्व विश्व का इकलौता ऐसा पर्व है, जिसमें डूबते और उगते दोनों सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. छठ महापर्व आस्था का पर्व तो है, लेकिन इसके कई वैज्ञानिक पहलू भी हैं, जिसकी वजह से इसकी महत्ता और बढ़ जाती है.