रांची : महापर्व छठ में बिहार जाने के लिए बसों में यात्रियों को सीट मिलने में मुश्किल हो रही है. रांची व टाटा सहित झारखंड की अन्य जगहों से बिहार के लिए वर्तमान में 140 से 150 बसें जा रही हैं. झारखंड से खुलनेवाली सभी बसें सीट फुल जा रही हैं. लेकिन, वापसी में बिहार से झारखंड आने वाली अधिकांश बसें खाली आ रही हैं.
बुधवार को सीवान से न्यू चंद्रलोक की तीन बसें रांची लौटीं. तीनों बसों में यात्रियों की कुल संख्या सिर्फ 13 थी. बस व्यवसाय से जुड़े जानकार बताते हैं कि रांची से छपरा-सीवान के लिए जाने व आने वाली बसों में कुल सीट 45 रहती है. रांची से जानेवाली बसें तो यात्रियों से भरी जा रही हैं, जबकि वापसी में पैसेंजर बहुत कम मिल रहे हैं. ऐसे में छठ के समय में बसों का परिचालन घाटे का सौदा साबित हो रहा है.
इस संबंध में रांची बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह ने कहा कि रांची से बिहार आने-जाने वाली एक बस को महीने में 45 से 50 हजार रुपये सिर्फ टोल टैक्स देना पड़ता है. इसके अलावा प्रति बस रोड टैक्स 30 से 32 हजार, बीमा 1.25 लाख से 1.50 लाख रुपये और फिटनेस पर आठ से 10 हजार रुपये का खर्च आता है. ऐसे में बस मालिकों को घाटा हो रहा है. इसके बावजूद महापर्व को देखते हुए श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हाे, इसलिए बसों का परिचालन किया जा रहा है.
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जगह नन एसी एसी
पटना 500 600
छपरा 600 700
दरभंगा 700 800
सीवान 700 800
मुजफ्फरपुर 600 700
भागलपुर 600 700
बेतिया 700 800
गया 400 500