रांची़ सुप्रीम कोर्ट ने रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और न्यायाधीश सतीशचंद्र शर्मा की पीठ में जमानत याचिका की सुनवाई हुई. सुनवाई में छविरंजन की ओर से दलील दी गयी कि इडी ने गलती की है. उसने अप्रैल में छापा मार कर मोबाइल फोन जब्त किया. इसके महीनों बाद इसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया. उल्लेखनीय है कि इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान छवि रंजन की ओर से आवेदन देकर अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी गयी थी. लेकिन सुनवाई के दिन उनके वकील ने यह कहा था कि उनके मुवक्किल ने पहले याचिका वापस लेने का फैसला किया था लेकिन बाद में अपना फैसला बदल लिया. इसके बाद न्यायालय ने इस मामले में शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था. छवि रंजन की ओर से शपथ पत्र दायर करने के बाद 30 जुलाई को मामले की सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी गयी. पूर्व डीसी छवि रंजन सहित आठ आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ी रांची. चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े मामले में आरोपी रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन सहित आठ आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गयी है. यह अवधि पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की अदालत ने बढ़ायी है. इससे पहले बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया. मामले में अगली पेशी 12 अगस्त तय की गयी है. इस मामले में अदालत में आरोप गठन की कार्रवाई चल रही है. आरोपियों को पुलिस पेपर दिया जा चुका है. रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, प्रेम प्रकाश, भरत प्रसाद, राजेश राय, इम्तियाज अहमद, अफसर अली, लखन सिंह व मो सद्दाम की न्यायिक हिरासत बढ़ायी गयी है. जबकि कारोबारी विष्णु अग्रवाल को हाइकोर्ट से जमानत प्राप्त है. जबकि एक आरोपी पुनीत भार्गव फरार चल रहा है.
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