रांची. ऑड्रे हाउस में बुधवार को 11वें छोटानागपुर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आगाज हुआ. चार दिवसीय नाट्य महोत्सव के पहले दिन युवा नाट्य संगीत अकादमी के कलाकारों ने नाटक ””मृदंगिया”” को लेकर मंच पर उतारा. कहानी बुचिया नामक विधवा औरत की थी. जिसे पाने की चाहत गांव के दो लड़के रखते हैं. लेकिन बुचिया को गांव का एक मृदंग वादक भूमेसर से प्रेम हो जाता है. मृदंगिया भूमेसर अक्सर लोगों के मरने पर मृदंग बजाता है और समदौन गाता है. बुचिया मृदंग की आवाज से प्रभावित होती है और आगे चलकर दोनों शादी कर लेते हैं. इससे गांव के युवक नाराज हो जाते है. कहानी आगे बढ़ती है और बुचिया को बच्चा होता है. मृदंगिया से जलन रखनेवाला जैलू प्लान बनाकर बच्चे को जहर चटाकर मार देता है. बच्चे के मरने पर बुचिया भी प्राण त्याग देती है. बच्चे और पत्नी की मृत्यु देखकर भूमेसर जोर-जोर से मृदंग बजाने लगता है और वियोग में उनकी भी मौत हो जाती है. नाटक के समापन पर सभागार में मौन छा जाता है. दर्शकों ने रंगमंच के कलाकारों की सराहना अपनी तालियों से दी.
ऑड्रे हाउस में छोटानागपुर नाट्य महोत्सव का आगाज
रांची. ऑड्रे हाउस में बुधवार को 11वें छोटानागपुर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आगाज हुआ.
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