नियम-कानून को ताक पर रख कर खुले में काटे जा रहे खस्सी व मुर्गे

न तो नगर निगम की गाइडलाइन का पालन किया जाता है और न ही लाइसेंस लिया गया है. अवैध रूप से संचालित 600 दुकानों की सूची नगर निगम ने जिला प्रशासन को भेजी है, पर किसी पर नहीं हुई कार्रवाई.

By Prabhat Khabar News Desk | April 5, 2024 12:24 AM

रांची. रांची शहर में नियम-कानून को ताक पर रखकर खुले में खस्सी व मुर्गे काटे जा रहे हैं. इन दुकानों में न तो नगर निगम की गाइडलाइन का पालन किया जाता है और न ही इन्होंने दुकान चलाने के लिए नगर निगम से कोई लाइसेंस लिया है. चौक-चौराहों, नालों के किनारे व खुली जगहों पर अवैध रूप से संचालित ऐसी 600 दुकानों की सूची नगर निगम ने जिला प्रशासन को उपलब्ध करायी है. लेकिन, अब तक किसी दुकानदार पर कार्रवाई नहीं हुई है. हालांकि, झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद अब ऐसी दुकानों पर कार्रवाई की उम्मीद जगी है.

पांच वर्षों में एक भी दुकानदार ने नहीं लिया लाइसेंस

वर्ष 2018 में कांके में रांची नगर निगम ने स्लॉटर हाउस का निर्माण कराया. इसके बाद नगर निगम ने शहर में खस्सी काटने वाली दुकानों को लाइसेंस देना बंद कर दिया. लेकिन, पिछले पांच वर्षों से बिना लाइसेंस के ही शहर में 2500 से अधिक दुकानों का संचालन हो रहा है. इन दुकानों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से इनकी संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है.

ऐसे समझें दुकानदारों की मनमानी

वर्ष 2023 में कोकर-लालपुर मार्ग में 5.17 करोड़ से वेंडर मार्केट का निर्माण किया गया. इस मार्केट में इस सड़क पर खस्सी, मुर्गा व मछली बेचने वाले 70 दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गयीं. आज एक साल बाद स्थिति यह है कि मार्केट के अलावा सड़कों पर भी खुलेआम खस्सी, मुर्गा व मछली की बिक्री की जा रही है. लेकिन, देखने वाला कोई नहीं है. हरमू पंच मंदिर के समीप खुले में मांस-मछली का बाजार सजता है. शाम में दुकानदार मांस-मछली के अवशेष को आवास बोर्ड के खाली भूखंड पर फेंक देते हैं. इस कारण दिन भर यहां चील और कौए का जमावड़ा लगा रहता है. वहीं, अवशेषों के दुर्गंध से यहां से गुजरने वालों को परेशानी होती है.

हाइजेनिक मीट अब भी शहरवासियों के लिए सपना

आम लोगों को साफ-सुथरा व हाइजेनिक मीट मिले, इसके लिए 18 करोड़ की लागत से कांके में स्लॉटर हाउस का निर्माण किया गया है. लेकिन, खुले में कट रहे बकरे पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगने के कारण लोग आज भी धड़ल्ले से सड़क किनारे की दुकानों से ही मीट खरीद रहे हैं.

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