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Jharkhand: इंजीनियर बीरेंद्र राम की डायरी ने राम पुकार को फंसाया, ED को अब डायरी में लिखे ‘साहब’ की तलाश

ग्रामीण विकास के चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के पास से मिली डायरी में लेन-देन का हिसाब किताब लिखा है. वसूली की रकम में हिस्सा पानेवालों के नाम का स्पष्ट उल्लेख इस डायरी में नहीं है. ED को अब डायरी में लिखे ‘साहब’ की तलाश है.

रांची, शकील अख्तर : ग्रामीण विकास के चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के पास से मिली डायरी के चक्कर में कार्यपालक अभियंता राम पुकार राम इडी के चंगुल में फंसे. इडी को अब डायरी में लिखे ‘साहब’ की तलाश है. बीरेंद्र राम के पास से मिली डायरी में लेन-देन का हिसाब किताब लिखा है. वसूली की रकम में हिस्सा पानेवालों के नाम का स्पष्ट उल्लेख इस डायरी में नहीं है. लेकिन साहब को 1% देना है. अपने भी 1.5% लेना है, जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. इडी को अब डायरी में लिखे इन “साहबों” की तलाश है.

बीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापामारी के दौरान इडी को लाल कपड़े में बांध कर रखे गये कुछ कागजात मिले थे. इसमें डायरी भी थी. डायरी और दस्तावेज में विभाग में जारी परंपरागत वसूली का ब्योरा दर्ज है. इसमें यह भी लिखा है कि किस योजना में किस ठेकेदार से कितनी रकम वसूली गयी. ठेकेदारों से वसूली के लिए उसे मिले टेंडर का विस्तृत ब्योरा, योजनाओं की कुल लागत का उल्लेख किया गया है, ताकि हिसाब किताब में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो. साथ ही कोई ठेकेदार योजनाओं की लागत का गलत ब्योरा बता कर कम राशि का भुगतान कर दे. इन ब्योरों के ऊपरी हिस्से में यह भी लिखा है कि मिलनेवाली राशि में किसका कितना हिस्सा बनता है.इसी पन्ने पर बंटवारे का हिसाब-किताब करते हुए यह भी लिखा गया है कि साहब को देना ….. है. अपने भी लेना …… है.

डायरी और दस्तावेज की जांच में इडी ने यह पाया कि इसे कई लोगों ने लिखा है. डायरी के आधार पर हुई पूछताछ के दौरान बीरेंद्र राम ने डायरी में हिसाब-किताब लिखनेवालों में से एक को नवप्रोन्नत कार्यपालक अभियंता राम पुकार के रूप में चिह्नित किया. पूछताछ में संतुष्ट होने के बाद इडी ने 27 फ़रवरी को राम पुकार राम के घर पर छापा मारा. छापामारी के समय वह सचिवालय में अपनी ड्यूटी पर था. इडी ने उसके घर पर पहुंचने के बाद उसे फ़ोन कर बुलाया. इसके बाद वह ड्यूटी छोड़ कर अपने घर पहुंचा. देर रात तक राम पुकार से उसके घर पर पूछताछ हुई. इस दौरान उसने खुद को निर्दोष बताया. डायरी में लिखे तथ्यों और लिखावट को देखने के बाद उसने डायरी लिखने की बात स्वीकार कर ली. लेकिन वह डायरी में बंटवारे से संबंधित तथ्यों के सिलसिले में खुद को अनभिज्ञ बता रहा है.

राम पुकार अपना बचाव करते हुए यह कह रहा है कि बीरेंद्र राम ने उसे जबरदस्ती बैठा कर डायरी लिखवायी. बीरेंद्र राम ने जैसा कहा उसने डायरी में वैसा ही लिख दिया. उसकी अपनी लिखावाट में लिखी “ अपने लेना है” के मुद्दे पर वह खुद हिस्सा लेने से इनकार कर रहा है. उसका कहना है कि बीरेंद्र राम ही यह बता सकते हैं कि उन्होंने “ अपने “ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है. उसने तो सिर्फ़ वही लिखा, जो बीरेंद्र राम ने कहा था.

बीरेंद्र राम के यहां छापामारी में मिली दो गाड़ियों का संबंध दो ठेकेदारों से है. परमानंद सिंह बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदी गयी टोयोटा फॉरचूनर-सिगमा (JH05CM-1000) और राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन के नाम पर खरीदी गयी इनोवा (JH05CC-1000) बीरेंद्र राम के यहां मिली थी. इडी ने इन दोनों ठेकेदारों से पूछताछ की. दोनों ने ही बीरेंद्र राम पर उनकी गाड़ियां जबरदस्ती लेने का आरोप लगाया. हालांकि ज़बरदस्ती गाड़ी लेने के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराने के मामले में दोनों कुछ बोल नहीं पाये.

प्रवर्तन िनदेशालय ने कोर्ट को बताया : टेंडर में वसूली गयी रकम पहुंचता था राजनेताओं व आलाधिकारियों तक

टेंडर मैनेज करने के नाम पर निलंबित मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के माध्यम से कुल लागत का 0.3 प्रतिशत राशि वसूली जाती थी. यह रकम राज्य के आलाधिकारी और राजनेताओं तक पहुंचता था. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारी ने पीएमएलए कोर्ट को बीरेंद्र राम की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग के समय इस बात की जानकारी दी. साथ ही और नौ दिनों के रिमांड पर देने का अनुरोध किया. कोर्ट ने सुनवाई के बाद अभियुक्त को और चार दिनों के रिमांड पर देने का आदेश दिया. मंगलवार को पांच दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने की वजह से इडी ने बीरेंद्र राम को कोर्ट में पेश करते हुए रिमांड अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया.

ईडी की ओर से कोर्ट को लिखित तौर पर यह जानकारी दी गयी कि बीरेंद्र राम अन्य सहयोगियों की सहायता से टेंडर मैनेज करता था. इस क्रम में जिस ठेकेदार को टेंडर मिलता था, उससे कुल लागत राशि का 0.3 प्रतिशत कमीशन के तौर पर वसूला जाता था. यह रकम नौकरशाहों और राजनेताओें तक पहुंचता था. बीरेंद्र राम से से पूछताछ के दौरान कमीशन पानेवाले अफसरों व नेताओं से संबंधित जानकारियां मिली है. पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर आगे की जांच होगी. बीरेंद्र राम, उसके सीए मुकेश मित्तल सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापामारी के दौरान भारी मात्रा में गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. इसके अलावा डिजिटल डिवाइस और डाटा मिले हैं. इडी के अधिकारियों ने कोर्ट में दलील दी कि बीरेंद्र राम के पास से छापामारी में डिवाइस मिले हैं.

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