झारखंड में पथ कैडर को पहली बार मिलेंगे नौ मुख्य अभियंता, जल्द जारी होगी अधिसूचना
नौ इंजीनियरों को मुख्य अभियंता बनाये जाने पर विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक में तीन-चार दिन पूर्व सहमति बनी थी. इसके बाद संचिका मुख्यमंत्री के पास भेज दी गयी
झारखंड के पथ कैडर को पहली बार एक साथ नौ मुख्य अभियंता मिलने जा रहे हैं. सारे स्थायी मुख्य अभियंता होंगे. इस सप्ताह इसकी अधिसूचना भी जारी हो जायेगी. इसके बाद से पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, नगर विकास विभाग और आवास विभाग में मुख्य अभियंता के पद पर प्रभारी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी. इन जगहों पर नियमित मुख्य अभियंता की पोस्टिंग की जा सकेगी.
नौ इंजीनियरों को मुख्य अभियंता बनाये जाने पर विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक में तीन-चार दिन पूर्व सहमति बनी थी. इसके बाद संचिका मुख्यमंत्री के पास भेज दी गयी है. उनकी अनुमति के बाद पथ निर्माण विभाग इसकी अधिसूचना जारी करेगा.
मुख्य अभियंता के 14 पद हैं :
पथ निर्माण कैडर में कुल 14 मुख्य अभियंताओं का पद है. एक मुख्य अभियंता सिंगराय टूटी पहले से ही कैडर में हैं. नौ की प्रोन्नति के बाद कुल 10 मुख्य अभियंता हो जायेंगे. ऐसे में सारे महत्वपूर्ण पदों पर इन्हें पदस्थापित किया जा सकेगा.
विभाग की पहल पर हो रही प्रोन्नति :
पथ निर्माण विभाग की ओर से पहले ही कनीय अभियंता, सहायक अभियंता और कार्यपालक अभियंता को प्रोन्नति दी गयी है. इस तरह बड़ी संख्या में कार्यपालक और अधीक्षण अभियंता भी विभाग को मिल गये हैं, पर मुख्य अभियंता के पद पर प्रमोशन नहीं हो पाया था. ऐसे में विभाग को प्रभारी व्यवस्था के तहत मुख्य अभियंता का कार्य चलाया जा रहा था. वहीं विभिन्न माध्यमों से प्रोन्नति की भी मांग उठ रही थी. ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार ने पहल की. इसके बाद झारखंड में पहली बार ऊंचे पद पर इतनी बड़ी संख्या में प्रोन्नति होने जा रही है.
नयी तकनीक से सड़क बनाने की दी जानकारी
राज्य की ग्रामीण सड़कों में काम करनेवाले ठेकेदारों को नयी तकनीक से सड़क निर्माण की जानकारी दी गयी. इसे लेकर झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेएसआरआरडीए) ने एटीआइ में कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें ठेकेदारों और इंजीनियरों को तकनीक की जानकारी दी गयी. उन्हें तय स्पेसिफिकेशन से अवगत कराया गया. साथ ही सड़क निर्माण में इस्तेमाल किये जाने वाले मैटेरियल से भी अवगत कराया गया. वहीं इंजीनियरों और ठेकेदारों से कहा गया कि बारिश समाप्त होते ही वह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का कार्य शुरू करा दें. पीएमजीएसवाइ के तहत इस बार पहले से ज्यादा चौड़ी और उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण कराना है.