हेमंत सोरेन ने डॉक्टरों-इंजीनियरों से JEE, NEET परीक्षा पर मांगे सुझाव, तो ट्विटर पर मिली ऐसी प्रतिक्रिया
रांची : झारखंड (Jharkhand) में परीक्षार्थियों को लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के तमाम नियमों से छूट देने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने डॉक्टरों (Doctors) और इंजीनियरों (Engineers) से जेईई (JEE) और नीट (NEET) की परीक्षा पर सुझाव मांगे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में प्रतिदिन रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है. यह संख्या 78 हजार तक पहुंच चुकी है.
रांची : झारखंड में परीक्षार्थियों को लॉकडाउन के तमाम नियमों से छूट देने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डॉक्टरों और इंजीनियरों से जेईई और नीट की परीक्षा पर सुझाव मांगे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में प्रतिदिन रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है. यह संख्या 78 हजार तक पहुंच चुकी है.
ऐसे में संक्रमण काल में सितंबर में आयोजित होने वाले जेईई (JEE) और नीट (NEET) की परीक्षा लाखों बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. इस बात का ध्यान केंद्रीय शिक्षा मंत्री को रखना चाहिए. मुख्यमंत्री ने छात्रों के स्वास्थ्य के मद्देनजर देश के युवाओं खासकर डॉक्टरों एवं इंजीनियरों से इन दोनों परीक्षाओं के संदर्भ में सुझाव मांगा है.
हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘मैं खासतौर से अपने युवा इंजीनियर और डॉक्टर दोस्तों से पूछना चाहता हूं और उनके सुझाव चाहता हूं. इसकी अगली लाइन में उन्होंने एक सवाल लिखा है : ‘यदि जेईई और नीट के इम्तहान को स्थगित कर दिया जाता है, तो छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा?’ इसके साथ उन्होंने तीन विकल्प दिये हैं. हां, नहीं और मालूम नहीं.
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बारह घंटे पहले किये गये इस ट्वीट को करीब 28 हजार लोगों ने लाइक किया है और 31 हजार से ज्यादा लोगों ने री-ट्वीट किये हैं और उस पर कमेंट किया है. कमेंट करने वालों में कुछ लोगों ने शिक्षा मंत्री और केंद्र सरकार को खरी-खोटी सुनायी है. कहा है कि सरकार को सिर्फ छात्रों के एडमिशन से मतलब है, उनको मिलने वाली नौकरी से नहीं. आंकड़े बताते हैं कि देश में बेरोजगारी कितनी अधिक है.
I want to particularly ask and seek feedback from all my young engineer and doctor friends –
"" Will students face huge difficulties if #JEENEET exams are postponed ? ""
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 29, 2020
कुछ लोगों ने नवंबर में परीक्षा कराने का सुझाव दिया है. 16 नवंबर तक परीक्षा कराने की बात किसी ने लिखी है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कहते हैं कि नवंबर में कोरोना खत्म नहीं हो जायेगा. कोरोना के आंकड़े संभवत: एक करोड़ या उससे भी ज्यादा हो जायें, नवंबर में. तब क्या करोगे? तब तो और डरोगे.
एक लड़की ने कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है कि पिछले दिनों उसकी बहन इम्तहान देने गयी थी. परीक्षा केंद्र के बाहर सोशल डिस्टैंसिंग का बिल्कुल पालन नहीं किया गया. गाइडलाइंस का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन हुआ. जेईई और नीट के इम्तहान में भी ऐसा ही होगा. विद्यार्थियों के जीवन की रक्षा के बारे में सिर्फ झूठे आश्वासन दिये जा रहे हैं.
ज्ञात हो कि गैर-भाजपा शासित 6 प्रदेशों की सरकारें जेईई और नीट की परीक्षा के आयोजन के खिलाफ हैं. इनका कहना है कि कोरोना के संक्रमण से लाखों बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल कर इन प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन को चुनौती दी गयी है.
कांग्रेस की अगुवाई में इन परीक्षाओं को टालने का केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, पश्चिम बंगाल के मंत्री मलय घटक, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बीएस सिद्धू और महाराष्ट्र के उदय रवींद्र सावंत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की है.
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हालांकि, इसके पहले 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ऐसी ही एक याचिका को ठुकरा चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने जेईई और नीट की परीक्षा को रद्द करने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि क्या देश में सब कुछ रोक दिया जाये. क्या स्टूडेंट्स के साल यूं ही खराब होने दिये जायें? हम स्टूडेंट्स के भविष्य का एक साल बर्बाद नहीं कर सकते.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोरोना के दौरान जिंदगी को आगे बढ़ाना जरूरी है. उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने दो दिन पहले ही प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को लॉकडाउन के नियमों से मुक्त कर दिया है. सरकार ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले विद्यार्थियों को भी परीक्षा देने से नहीं रोका जायेगा. उन पर कोरोना के प्रोटोकॉल भी लागू नहीं होंगे.
Posted By : Mithilesh Jha