24 साल का झारखंड : अब तक हुए 4 चुनाव, 13 मुख्यमंत्रियों ने ली शपथ, 3 बार लगा राष्ट्रपति शासन

Chief Ministers of Jharkhand: 3 बार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग चुका है. 3-3 मुख्यमंत्रियों ने 3-3 बार शपथ ली. 2009 से 2013 के बीच 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा.

By Mithilesh Jha | October 15, 2024 5:08 PM

Chief Ministers of Jharkhand|Jharkhand Assembly Election 2024|बिहार से अलग होकर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए झारखंड राज्य को अभी 24 साल भी पूरे नहीं हुए हैं. इस दौरान 4 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं. राज्य ने 24 साल में प्रदेश में 13 मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण देखे हैं. 3 बार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग चुका है. 3-3 मुख्यमंत्रियों ने 3-3 बार पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. वर्ष 2009 से 2013 के बीच 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा है. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 से पहले आइए, जान लेते हैं कि अब तक कौन-कौन झारखंड के मुख्यमंत्री बने. कब-कब सीएम बने और कितना लंबा रहा उनका कार्यकाल.

बाबूलाल मरांडी बने झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री

बाबूलाल मरांडी ने रामगढ़ विधानसभा सीट से वर्ष 2000 में उपचुनाव लड़ा था. चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने 15 नवंबर 2000 को झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. वह 18 मार्च 2003 तक मुख्यमंत्री रहे. उनका कार्यकाल 2 साल 123 दिन का था.

बाबूलाल मरांडी के बाद अर्जुन मुंडा ने ली सीएम पद की शपथ

झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा खरसावां विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे. बाबूलाल मरांडी के इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अर्जुन मुंडा को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया था. अर्जुन मुंडा ने 18 मार्च 2003 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. वह 2 मार्च 2005 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. उनका कार्यकाल 1 साल 349 दिन का रहा.

मात्र 10 दिन तक मुख्यमंत्री रहे दिशोम गुरु शिबू सोरेन

दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री बने. उन्होंने 2 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. महज 10 दिन बाद 12 मार्च 2005 को उनको अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

शिबू सोरेन के बाद फिर अर्जुन मुंडा बने चीफ मिनिस्टर

शिबू सोरेन के इस्तीफा देने के बाद अर्जुन मुंडा फिर मुख्यमंत्री बने. 12 मार्च 2005 को उन्होंने शपथ ली. 18 सितंबर 2006 तक वह इस पद पर रहे. इस बार उनका कार्यकाल 1 साल 190 दिन का रहा.

कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय मधु कोड़ा बने मुख्यमंत्री

18 सितंबर 2006 को कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन से मधु कोड़ा 18 सितंबर 2006 को झारखंड के मुख्यमंत्री बने. वह जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. उनका कार्यकाल 27 अगस्त 2008 तक रहा. वह 1 साल 343 दिन झारखंड के मुख्यमंत्री रहे.

शिबू सोरेन फिर मुख्यमंत्री बने, 145 दिन तक पद पर रहे

27 अगस्त 2008 को झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन फिर सूबे के मुख्यमंत्री बने. इस बार उनका कार्यकाल 145 दिन का रहा. वह 19 जनवरी 2009 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे.

झारखंड में पहली बार लगा राष्ट्रपति शासन

19 जनवरी 2009 को पहली बार झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा, जो 30 दिसंबर 2009 (345 दिन) तक रहा.

शिबू सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री बने

वर्ष 2009 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में जामताड़ा से चुनाव जीतने वाले शिबू सोरेन 30 दिसंबर 2009 को फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बने. इस बार वह 1 जून 2010 तक पद पर रहे. इस बार उनका अब तक का सबसे लंबा 153 दिन का कार्यकाल रहा.

झारखंड में दूसरी बार लगा राष्ट्रपति शासन

शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा. 1 जून 2010 से 11 सितंबर 2010 तक यानी 102 दिन तक झारखंड में राष्ट्रपति शासन रहा.

मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार हुई अर्जुन मुंडा की ताजपोशी

11 सितंबर 2010 को अर्जुन मुंडा की झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हुई और राष्ट्रपति शासन का समापन हुआ. अर्जुन मुंडा भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.

झारखंड में तीसरी बार लगा राष्ट्रपति शासन, 176 दिन तक रहा

18 जनवरी 2013 को एक बार फिर झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा, जो 13 जुलाई 2013 यानी 176 दिन तक रहा.

हेमंत सोरेन पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने

इसके बाद दुमका विधानसभा सीट से निर्वाचित झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 1 साल 168 दिन का रहा.

रघुवर दास सीएम बने, कार्यकाल पूरा करने वाले पहले मुख्यमंत्री बने

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी ने रघुवर दास के नेतृत्व में सरकार का गठन किया. रघुवर दास पूर्वी सिंहभूम जिले की जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने थे. उन्होंने 28 दिसंबर 2014 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वह 29 दिसंबर 2019 तक पद पर रहे. इस तरह झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा करने वाले वह एकमात्र सीएम हैं. वह 5 साल 1 दिन तक पद पर रहे.

महागठबंधन ने चुनाव जीता, हेमंत सोरेन दूसरी बार सीएम बने

वर्ष 2019 के चुनाव में रघुवर दास के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई. झामुमो ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा और बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया. दुमका और बरहेट से विधानसभा का चुनाव जीतने वाले हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने. हेमंत सोरेन ने बाद में दुमका विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 29 दिसंबर 2019 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. हालांकि, एक जमीन घोटाला मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया. वह 29 दिसंबर से 2 फरवरी 2024 तक सीएम रहे. इस तरह उनका यह सबसे लंबा कार्यकाल रहा, जो 4 साल 35 दिन का था.

हेमंत सोरेन जेल गए, तो चंपाई सोरेन बने झारखंड के मुख्यमंत्री

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झामुमो ने सरायकेला के विधायक चंपाई सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया. चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली और हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद 4 जुलाई 2024 को उन्हें पद से हटा दिया गया. इस तरह चंपाई सोरेन 153 दिन तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे.

चंपाई सोरेन को हटाकर फिर मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन

चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री के पद से हटाने के बाद हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड के चीफ मिनिस्टर बने. उन्होंने 4 जुलाई 2024 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. इसके बाद से वह लगातार झारखंड के मुख्यमंत्री हैं. हेमंत सोरेन अब तक 3 बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं. उनके अलावा शिबू सोरेन और अर्जुन मुंडा 3-3 बार झारखंड के चीफ मिनिस्टर बने.

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