बच्चे ने 10 का सिक्का निगला, रांची के सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने बिना ऑपरेशन कर ऐसे निकाला
जब बच्चे ने 10 रुपये का सिक्का निगल लिया, तो मुंह से फिसल कर वह भोजन नली और श्वास नली के बीच फंस गया. एक्स-रे में भी वह स्पष्ट नजर आ रहा था.
रांची : राजधानी के कोकर में शुक्रवार को खेल-खेल में पांच साल के बच्चे ने अपने मुंह में दस रुपये का सिक्का डाल दिया, जो उसके गले में जाकर अटक गया. बच्चे के रोने पर परिजन उसे दिन में सदर अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे. यहां से उसे अस्पताल के गैस्ट्रो ओपीडी में डॉ जयंत घोष के पास लाया गया. यहां डॉ घोष ने काफी मशक्कत के बाद बिना ऑपरेशन किये गले में फंसा सिक्का बाहर निकाल लिया. बच्चे के परिजन ने बताया कि दिन के वक्त जब घर के लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे, तो पास में खेल रहे बच्चे ने मुंह में सिक्का डाल दिया. तभी से बच्चा जोर-जोर से रोने लगा. काफी देर तक चुप कराने की कोशिश की, पर सफलता नहीं मिला. फिर बच्चे की बात सुनकर परिजन उसे तुरंत सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच कर इंडोस्कोपी के सहारे सिक्का निकालने का निर्णय लिया.
भोजन और श्वास नली के बीच फंसा था सिक्का :
जब बच्चे ने 10 रुपये का सिक्का निगल लिया, तो मुंह से फिसल कर वह भोजन नली और श्वास नली के बीच फंस गया. एक्स-रे में भी वह स्पष्ट नजर आ रहा था. वह ठीक से न बोल पा रहा था और न ही सांस ले पा रहा था, उसने इशारे से बताया कि उसने सिक्के को मुंह में डाला है.
पहले उसकी स्थिति देखकर उसे पास के ही कई निजी अस्पतालों और क्लिनिकों में ले जाया गया, लेकिन सभी ने उपचार करने से मना कर दिया. अंततः गैस्ट्रो इंट्रोलॉजी विभाग, सदर अस्पताल में इंडोस्कोपी से उपचार किया गया. अब उपचार किये जाने के बाद बच्चा ठीक है और उसे अस्पताल से कुछ ही घंटों में छुट्टी दे दी गयी.
रिम्स में सर्जरी कर बच्ची की जान बचायी
पलामू के लेस्लीगंज की रहने वाली 12 वर्षीय बच्ची को रिम्स के इएनटी विभाग के डॉक्टरों ने नयी जिंदगी दी है. बच्ची की नाक का मांस खिसक कर मुंह में आ गया था. वहीं, कुछ हिस्सा सांस की नली के पास फंस गया था. इससे बच्ची को सांस लेने और खाने में दिक्कत हो गयी थी. परिजनों ने उसे आनन-फानन में रिम्स के इएनटी विभाग में भर्ती कराये. इएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ संदीप कुमार की टीम ने आपातकालीन सर्जरी का फैसला लिया. इसके बाद बच्ची के मुंह और नाक में फंसे मांस के टुकड़े को सर्जरी कर निकाला गया. सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति ठीक है. ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ संदीप कुमार, डॉ नवदीप, डॉ राजीव किस्कू, डॉ निशांत, डॉ सायन दत्ता और एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ अजिजुल हक और डॉ तुषार आदि का सहयोग रहा.