रांची में 6 साल की बच्ची को अगवा कर 40 हजार में बेचा, बेंगलुरु से बरामद, आरोपी गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

ranchi child sold in bangalore : 15 जुलाई को बूटी मोड़ के पास से बच्ची अंजली का किया था अपहरण, 17 जुलाई को दर्ज हुआ था मामला. बच्ची का गुड़िया नाम की महिला व एक नाबालिग ने किया था अपहरण, नि:संतान बेबी देवी को 40 हजार रुपये में बेचा था.

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2021 8:45 AM
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Jharkhand Crime News, Ranchi News रांची : 15 जुलाई को बूटी मोड़ के पास से अगवा छह वर्षीय बच्ची अंजली को 11 अगस्त को सदर थाना (रांची) की पुलिस ने बेंगलुरु से बरामद कर लिया. पुलिस ने उसका अपहरण करनेवाली गुड़िया देवी व उसके सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया है. दूसरी ओर 40 हजार में बच्ची खरीदनेवाली बेंगलुरु निवासी बेबी देवी को भी गिरफ्तार किया गया है़ नि:संतान बेबी के पति योगेंद्र शर्मा का बेंगलुरु में होटल है. पुलिस ने बेंगलुरु के वेलीकावल थाना क्षेत्र के सी क्रॉस बाइपास गार्डेन पाइप लाइन स्थित बेबी देवी के घर से बच्ची अंजली को बरामद किया गया़

बच्ची को बरामद करने के बाद सदर थाना पुलिस की टीम बेबी देवी को पूछताछ के लिए लेकर गुरुवार को रांची पहुंची. इसके बाद बेबी देवी को गिरफ्तार किया गया. जबकि गुड़िया व नाबालिग की गिरफ्तारी सदर थाना क्षेत्र के खिजूरटोला किशुनपुर स्थित उसके घर से हुई है. बेबी देवी भी मूल रूप से किशुनपुर की रहनेवाली है. गुड़िया ने बताया कि अंजली बूटी मोड़ के पास अपनी बड़ी बहन के साथ भीख मांगती थी.

अपहरण के दिन बूटी मोड़ के पास अंजली को फल खाने का लालच देकर उसे अपने पीछे ले जाने लगे. थोड़ी दूर जाने के बाद दोनों ने बच्ची को ऑटो में बैठा लिया़ दोनों ने अंजली का अपहरण से पूर्व अलबर्ट एक्का चौक के पास से भी किसी बच्चे या बच्ची को अपहरण करने का प्रयास किया था.

लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली़ पुलिस के अनुसार,अंजली की मां का नाम बालो देवी है, जबकि पिता का नाम नीरल पासी है. सभी ओरमांझी के रहनेवाले हैं. राजधानी में भीख मांगनेवाली किसी बच्ची के अपहरण के बाद उसे बेचने का यह पहला मामला है.

सीसीटीवी फुटेज के जरिये के पुलिस को मिले थे सुराग :

जानकारी के अनुसार बच्ची का अपहरण 15 जुलाई को हुआ था. इसके बाद बच्ची की मां ने सदर थाना की पुलिस को इसकी जानकारी 16 जुलाई को दी और 17 जुलाई को पुलिस ने बच्ची की मां की शिकायत पर बच्ची के अपहरण का केस दर्ज किया. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने बूटी मोड़ से लेकर बड़गाईं, रिम्स और जोड़ा तालाब के आसपास का सीसीटीवी फुटेज चेक किया. बूटी मोड़ के पास सीसीटीवी फुटेज में दो महिला के पीछे दो बच्ची जाती दिखायी पड़ी.

इसके बाद बच्ची अंजली को दो महिलाओं ने ऑटो में बैठा लिया, जबकि अंजली की बहन को वहीं छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने ऑटो नंबर के आधार पर ऑटो चालक से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज में मिले चेहरा के आधार पर गुड़िया और उसके रिश्तेदार नाबालिग को पकड़ा. पहले तो दोनों ने अपना अपराध स्वीकार करने से इनकार कर दिया. लेकिन सीसीटीवी फुटेज दिखाने पर दोनों टूट गयी और अपना अपराध स्वीकार करते हुए बेबी देवी का नाम बताया. इसके बाद बुधवार को सदर थाना पुलिस की एक टीम बेंगलुरू छापेमारी करने गयी थी. इस केस की मॉनिटरिंग खुद सिटी एसपी सौरभ, सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार और सदर थाना प्रभारी वेंकटेश कुमार कर रहे थे.

अपहरण के बाद मां को भूल गयी थी बच्ची

अपहरण की घटना के कुछ दिन बाद अंजली अपनी मां को भूल गयी थी. वह बेबी देवी को मां बोलने लगी थी. सदर थाना में भी अंजली बेबी देवी को मां बोलकर पुकारती रही. लेकिन जब बेटी के बरामद होने की सूचना पर उसकी मां बालो देवी अपने पति और बच्चों के साथ सदर थाना पहुंची, तब अंजली अपनी मां को देखने के बाद उससे लिपट गयी और बेबी देवी को भूल गयी.

बच्ची को अनाथ बताकर दिया था महिला को

महिला बेबी देवी ने बताया कि उसकी शादी को 10 वर्ष से अधिक हो गये हैं. उसे कोई बच्चा नहीं हो रहा था. इस वजह से वह एक बच्चे को गोद लेना चाहती थी. दोनों आरोपी खिजूर टोली के किशुनपुर स्थित उसके घर के पड़ोस की रहनेवाली है. उनसे संपर्क होने पर दोनों ने बच्चा दिलाने का आश्वासन दिया. दोनों ने महिला को बताया कि एक अनाथ बच्ची अपनी नानी के घर में रहती है. वह बच्ची को किसी को गोद देना चाहती है. इसके बाद महिला बच्ची को लेने को तैयार हो गयी. दोनों आरोपी ने बच्ची का सौदा पहले 30 हजार रुपये में तय किया था. बाद में बच्ची को देने के बाद 10 हजार अर्थात कुल 40 हजार रुपये लिया और आपस में रुपये का बंटवारा कर लिया. बेबी देवी के अनुसार, वह 15 व 16 जुलाई को रांची में थी. 17 जुलाई को बच्ची को साथ लेकर बेंगलुरु चली गयी.

Posted by : SameeR Oraon

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