सुनील कुमार झा
Jharkhand News : विद्यार्थियों का बैंक खाता नहीं होने के कारण वित्तीय वर्ष 2021-22 में पोशाक के लिए दिये गये 84 करोड़ रुपये वापस लौट गये. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कक्षा आठ तक के बच्चों के पोशाक के लिए कुल 217 करोड़ रुपये जिलों को दिये गये थे. इसमें से 133 करोड़ रुपये ही बच्चों के बैंक खाता में ट्रांसफर किया जा सका. शेष राशि वापस हो गयी. पोशाक के लिए जिलों को राशि पिछले वर्ष 24 नवंबर को दी गयी थी. सभी जिलों को 28 दिसंबर तक बच्चों को पोशाक उपलब्ध कराना था. बच्चों के पोशाक की राशि वापस होने को शिक्षा मंत्री ने गंभीरता से लिया है. इस संबंध में 15 दिनों में पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया है. साथ ही शिक्षा मंत्री ने अन्य योजनाओं के तहत डीबीटी के माध्यम से दी जाने वाली राशि के बारे में भी जानकारी मांगी है.
समग्र शिक्षा अभियान के तहत राशि निकासी व खर्च करने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. केंद्र सरकार के निर्देश के अनुरूप समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित बैंक खाता शून्य बैलेंस में संचालित किया जाता है. पूर्व में राशि विद्यालय प्रबंधन समिति के बैंक खाता में रखने का प्रावधान था. अब 31 मार्च तक राशि खर्च नहीं होने पर खाता स्वत: शून्य बैलेंस में आ जाता है, इस कारण 31 मार्च तक जिन बच्चों को पोशाक नहीं मिली, उनकी राशि वापस हो गयी.
कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को दो सेट पोशाक, एक स्वेटर व जूता-मौजा के लिए 600 रुपये दिये जाते हैं. वहीं कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को पोशाक के लिए 400 रुपये, स्वेटर के लिए 200 व जूता-मौजा के लिए 160 रुपये दिये जाते हैं.
राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले 36 लाख बच्चों के पोशाक के लिए 217 करोड़ रुपये दिये गये थे. कक्षा आठ तक की सभी वर्ग की छात्राओं व एससी व एसटी के छात्रों की पोशाक के लिए 60 फीसदी राशि भारत सरकार व 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. शेष बच्चों के लिए शत-प्रतिशत राशि राज्य सरकार देती है.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि बच्चों को पोशाक की राशि नहीं मिलने की जानकारी मिली है. अधिकारियों से इस संबंध में पूरी रिपोर्ट मांगी गयी है. किन कारणों से बच्चों को राशि नहीं मिल सकी, इसकी पूरी जानकारी देने को कहा गया है. डीबीटी के माध्यम से जिन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, उन सभी योजनाओं के बारे में 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी गयी है. इसकी फिर से समीक्षा की जायेगी.