सुनील कुमार झा(रांची) : झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबों के लिए और इंतजार करना पड़ेगा. आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राज्य सरकार के जरिये चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेज कर किताब वितरण की अनुमति मांगी थी. आयोग से इसकी अनुमति नहीं मिली. इसलिए अब चुनाव खत्म होने के बाद ही पुस्तकों का वितरण हो सकेगा. राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक के लगभग 40 लाख बच्चों को नि:शुल्क किताबें दी जाती हैं. पहली से आठवीं कक्षा तक की किताबों के लिए 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. वहीं, नौवीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों की किताबों की पूरी राशि राज्य सरकार देती है. राज्य में अगले माह से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा. किताब के लिए जेसीइआरटी द्वारा टेंडर किया जाता है. बताया जा रहा है कि किताब वितरण पर रोक का कारण इस पर सरकार का लोगो, सरकार द्वारा नि:शुल्क वितरण की जानकारी और फोटो हो सकता है.
बैग व कॉपी के टेंडर की अनुमति
राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को नि:शुल्क बैग और कॉपियां भी दी जाती हैं. कॉपी व बैग का वितरण भी अब चुनाव के बाद होगा. चुनाव आयोग ने बैग व कॉपी वितरण के लिए टेंडर की अनुमति दे दी है. विभाग जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू करेगा.
शिक्षकों के योगदान देने का प्रस्ताव भी लौटा
राज्य के हाइस्कूलों में नवनियुक्त शिक्षकों के योगदान देने की अनुमति से संबंधित प्रस्ताव भी चुनाव आयोग ने लौटा दिया है. चुनाव आयोग ने इस संबंध में कुछ बिंदुओं पर और जानकारी मांगी है. शिक्षा विभाग द्वारा आयोग द्वारा मांगी गयी जानकारी के साथ फिर से प्रस्ताव भेजा जायेगा. राज्य में पिछले माह लगभग एक हजार हाइस्कूल शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया था. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लग जाने कारण शिक्षकों का जिलास्तर पर योगदान नहीं लिया गया. इधर, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूल में पढ़नेवाले बच्चों के किताब वितरण को लेकर चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गयी थी. आचार संहिता के कारण किताब वितरण की अनुमति नहीं मिली है. ऐसे में बच्चों के पठन-पाठन को लेकर फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी. इस संबंध में विभाग द्वारा जल्द दिशा-निर्देश जारी किया जायेगा.
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