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छोटी उम्र में बड़ा कारनामा: झारखंड के इन बच्चों ने टैलेंट के दम पर बनायी पहचान

मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इसे राजधानी रांची में रहनेवाले कुछ बच्‍चों ने सच कर दिखाया है

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2022 9:05 AM

मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इसे राजधानी रांची में रहनेवाले कुछ बच्‍चों ने सच कर दिखाया है. आज यानी 14 नवंबर को पूरे देश में बाल दिवस मनाया जा रहा है़ ऐसे में हम आपको कुछ वैसे बच्‍चों के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍होंने लीक से हटकर कुछ काम किया और छोटी उम्र में ही अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया.

जुड़वां भाई विराट-विराज ने उल्टा पहाड़ा पढ़ने में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया

नामकुम के पंजाबी मोहल्ला निवासी जुड़वां भाई विराट माकन व विराज माकन ने उल्टा पहाड़ा पढ़ने में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है़ सात वर्षीय विराट माकन ने 11 मिनट 06 सेकेंड में दो से 75 तक का उल्टा पहाड़ा पढ़ कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह बनायी है. मां शिल्पी माकन ने बताया कि विराट ने छह महीने के अभ्यास में उल्टी गिनती का हुनर सीखा.

इसके लिए वैदिक कैलकुलेशन का इस्तेमाल करते हैं. विराट किसी भी अंक का स्क्वायर और क्यूब झट से बताने में भी एक्सपर्ट है. प्रतियोगिता में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद बच्चे का वीडियो तैयार कर ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ के लिए भेजा, जिसमें उसे जगह मिली.

बड़े भाई का रिकॉर्ड तोड़ा :

विराट के जुड़वां छोटे भाई विराज माकन ने भी 10 मिनट 16 सेकेंड में 80 से एक तक का उल्टा पहाड़ा पढ़ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया है. विराज ने अपने ही भाई का रिकॉर्ड तोड़ा है. विराज किसी भी संख्या का स्क्वायर रूट और क्यूब रूट भी कम समय में कैलकुलेट करने में महारथ हासिल कर चुका है. इसके अलावा चौथी और पांचवीं कक्षा के गणित के प्रश्नों को भी आसानी से हल कर लेता है. मां शिल्पी कहती हैं कि बच्चों के पिता गगन माकन गणित के शिक्षक हैं. खाली समय में बच्चों को कम समय में गणित के प्रश्नों को हल करने के तरीके बताते हैं. इससे बच्चों का अभ्यास बना रहता है.

70 सेंकेंड में 104 जीवों का नाम ले बनाया रिकॉर्ड

रांची के अश्विक सामंता ने 70 सेकेंड में 104 सामान्य जीवों का नाम लेकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. जेवीएम श्यामली का छात्र अश्विक ने इसी वर्ष जनवरी में रिकॉर्ड अपने नाम किया. मां शोबना चौधरी ने बताया कि बच्चा खाली समय में अलग-अलग जानवरों के नाम और उनकी जीवनशैली देखने में रुचि रखता है. ऐसे में यू-ट्यूब के जरिये कई जीवों की जानकारी हासिल की. अश्विक ने रिकॉर्ड बनाने के लिए एक सांस में 26 जलीय जीव, 26 रेप्टाइल, 26 पक्षी और 26 जमीन में रहने वाले जीवों का नाम बोलकर सुनाया. साथ ही किसी भी जीव का नाम पूछने पर चुटकियों में उनकी विशेषता बताता है.

सात साल के विवान को याद है 200 साल का कैलेंडर

डीएवी गांधीनगर की दूसरी कक्षा का छात्र विवान शर्मा अन्य बच्चों से अलग है. जब वह तीन साल का था, तक कुछ बोल नहीं पाता था. जब वह बोलना शुरू किया, तो अभिभावकों को उसमें कुछ अलग टैलेंट नजर आने लगा. माता-पिता ने महसूस किया कि उसे पुरानी चीजें याद रहने लगीं. पुरानी तारीख दो सेकेंड में बता देता है.

विवान 1900 से लेकर 2100 तक (200 साल) का कैलेंडर बिना देखे बता देता है. किसी भी साल का कोई भी महीना या तारीख बोलने पर दो सेकंड में उस दिन का वार बता देता है. इसके लिए विवान को ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड ने राष्ट्रीय स्तर पर सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया है. वर्तमान में इंटरनेशनल टैलेंट बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया है.

क्लासिकल सिंगिंग में नाम कमाना चाहती है मानसी

विवेकानंद विद्या मंदिर की छात्रा मानसी सिन्हा क्लासिकल सिंगिंग में जिला और राज्य स्तर पर कई प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है. वह राष्ट्रीय स्तर की सिंगिंग प्रतियोगिता में दूसरे और तीसरे स्थान पर पहुंची है. वह बताती है कि मुझे पढ़ाई के साथ-साथ गाने का भी शौक है. वह तीन साल से गुरु रथिन मुखर्जी से क्लासिकल संगीत सीख रही है. इस दौरान कई प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर सात से आठ पुरस्कार जीतने का अवसर मिला है. मानसी ने कहा कि उसे संगीत के क्षेत्र में ही आगे बढ़ना है. वर्तमान में संगीत की पढ़ाई करने के बाद बीएचयू से संगीत की डिग्री लेनी है. इसके अलावा हरमोनियम, मंजीरा, फ्लूट, तानपूरा भी बजाती है. तबला का प्रशिक्षण ले रही है.

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