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चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल 2024 का पोस्टर रिलीज, देशभर के फिल्म निर्माताओं का हरियाणा में लगेगा जमावड़ा

फिल्म फेस्टिवल के लिए फिल्मों की एंट्री 1 सितंबर 2023 से 30 नवंबर की मध्यरात्रि 2023 तक ली जाएगी. इस फिल्म फेस्टिवल के लिए फिल्मों को 4 श्रेणियों में विभाजित की गई है, जिसमें प्रथम बाल फिल्म, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, शॉर्ट फिल्म, और कैंपस फिल्म निर्धारित की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2023 9:58 PM

रांची: भारतीय फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए एवं यहां की कला, संस्कृति, सभ्यता, इतिहास, बोली, भाषा पर देश के कोने-कोने से कलाकारों के द्वारा बनायी गयी फिल्मों का प्रदर्शन भारतीय चित्र साधना के द्वारा पांचवें चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल पंचकूला (हरियाणा) में 23, 24 एवं 25 फरवरी 2024 को आयोजित होने जा रहा है. झारखंड में सहयोगी संस्था चित्रपट झारखंड के द्वारा हिनू की शुक्ला कॉलोनी स्थित विद्या भारती कार्यालय में पोस्टर का लोकार्पण किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ देवव्रत सिंह( विभागाध्यक्ष, जनसंचार विभाग, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय) रांची उपस्थित रहे.

चित्रपट झारखंड के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह ने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल देश की कला-संस्कृति को समृद्ध बनाने में एवं विश्व पटल पर देश की अलग पहचान कला-संस्कृति के द्वारा यहां की बोली-भाषा व फिल्मों के माध्यम से दिखाना इस फिल्म फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य है. इस फिल्म फेस्टिवल के लिए फिल्मों की एंट्री 1 सितंबर 2023 से 30 नवंबर की मध्यरात्रि 2023 तक ली जाएगी. इस फिल्म फेस्टिवल के लिए फिल्मों को 4 श्रेणियों में विभाजित की गई है, जिसमें प्रथम बाल फिल्म, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, शॉर्ट फिल्म, और कैंपस फिल्म निर्धारित की गई है.

प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ दीपक प्रसाद ने बताया कि फिल्म महोत्सव के द्वारा पूरे देश की कला-संस्कृति के योद्धाओं को जो गुमनामी की स्थिति में जी रहे हैं, उसे प्रोत्साहन देना, सम्मान देना एवं उनकी कलाओं को सराहना इस 5वें चित्र भारती फिल्म महोत्सव का मुख्य लक्ष्य है, जो अगले वर्ष 2024 में फरवरी 23, 24 एवं 25 को पंचकूला हरियाणा में होने जा रहा है. इस बार के फिल्म महोत्सव का मुख्य विषय है महिला सशक्तीकरण, रोजगार सृजन, समरसता, पर्यावरण, भविष्य का भारत, जनजातीय समाज, ग्रामीण विकास, वासुदेव कुटुंबकम एवं इस फिल्म महोत्सव का मुख्य आकर्षण होंगी बाल फिल्में, जिसका मुख्य विषय रखा गया है पराक्रमी बच्चे, बाल शिक्षा में नवाचार एवं नैतिक शिक्षा. इन मुख्य विषयों पर देशभर से फिल्में मंगाई जा रही हैं. इस वर्ष पुरस्कार की नकद राशि 1000000 रुपये रखी गई है. इस मौके पर उपस्थित प्रोफेसर डॉ दीपक प्रसाद, प्रदेश कोषाध्यक्ष सीए सुमित मित्तल, जमशेदपुर से अजय शर्मा, निरंजन कुमार, गोड्डा से अविनाश कुमार एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

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