स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि राज्य में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार बेहतर स्वास्थ्य इंतजाम में जुटी है. आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद मोर्चा संभाले हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते वह प्रतिदिन हर जिले की स्थिति और वहां की व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. लोगों का विश्वास भी बढ़ रहा है. लाेग सरकारी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना चाहते हैं. मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे सरकारी व्यवस्था को चुनें,क्योंकि सरकार को हर कोरोना संक्रमित की चिंता है. प्रस्तुत है संवाददाता राजीव पांडेय से मंत्री की विशेष बातचीत के अंश.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त का महीना सरकार के लिए चुनौती भरा होने वाला है. ऐसे में आपकी तैयारी क्या है ?
झारखंड में जब कोरोना संक्रमित का एक भी मरीज नहीं था, तभी से सरकार अलर्ट मोड में काम कर रही है. राज्य के आला अफसरों की टीम इसकी निगरानी कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वयं मैं इसकी मोनिटरिंग कर रहे हैं. कोविड टास्क फोर्स को बेहतर व्यवस्था देने के लिए सलाह ली जाती है. प्रत्येक जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश है कि अस्पतालों के अलावा स्कूल, स्टेडियम, सामुदायिक भवन, शिक्षण संस्थानों के अलावा होटलों का उपयोग करें. हम अगस्त को कोरोना का पीक मानकर तैयारी में जुटे हैं. राजधानी रांची की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है कि आपातकाल में बेहतर चिकित्सा सेवा मुहैया करायी जा सके. 500 से 1,000 बेड की व्यवस्था करने की तैयारी चल रही है. अंतिम चरण में व्यवस्थाएं हैं. जमशेदपुर में जेआरडी स्टेडियम को भी कोविड-19 अस्पताल में रूप में तैयार करने की योजना बनायी गयी है. सरकार हर तरह से तैयार है.
सरकारी व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बढ़े, इसकी क्या तैयारी की गयी है?
कोरोना के शुरुआती दिनों से ही सरकारी अस्पताल बेहतर व्यवस्था मेें लगे हैं. सीमित संसाधनों में हमारे डॉक्टर बेहतर सेवा दे रहे हैं. राज्य में जब कोरोना की जांच नहीं होती थी, तब सैंपल पुणे और कोलकाता भेजकर जांच करायी जा रही थी. इसके बाद जमशेदपुर में जांच शुरू की गयी. धीरे-धीरे रिम्स, एमजीएम, इटकी और पीएमसीएच धनबाद में लैब स्थापित कर जांच शुरू की गयी. दुमका और पलामू में भी लैब को लेकर तैयारियां पूरी हो गयी हैं. इसके अलावा पांच निजी लैब संचालकों को लाइसेंस दिया गया, जो जांच कर रहे है. इसके अलावा सदर अस्पताल में ट्रुनेट मशीन के माध्यम से जांच शुरू हुई है.
कोविड अस्पताल व जिलों में बनाये गये कोरेंटिन सेंटर की व्यवस्था कैसी है. हम निजी व्यवस्था का टक्कर दे पा रहे हैं क्या?
राज्य के कोविड अस्पताल व जिलों मेंं बनाये गये कोरेंटिन सेेंटर की व्यवस्थाएं बेहतर हैं. इलाज के अलावा खाना की बेहतर व्यवस्था की गयी है. सुबह नाश्ता से लेकर रात का खाना दिया जा रहा है. पौष्टिक व गुणवतापूर्ण खाना दिया जा रहा है, जिससे लोग शारीरिक रूप से मजबूत बन सकें. जहां तक इलाज की बात है तो प्लाज्मा थैरेपी के माध्यम से कोरोना मरीजों का इलाज की शुरुआत 28 जुलाई से होगी. इससे हम कम समय में संक्रमितों को स्वस्थ कर पायेंगे. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने का कहा गया है. दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है. शुद्ध पानी व शौचालय के स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त का महीना सरकार के लिए चुनौती भरा होने वाला है. ऐसे में अापकी तैयारी क्या है?
झारखंड में जब कोरोना संक्रमित का एक भी मरीज नहीं था, तभी से सरकार अलर्ट मोड में काम कर रही है. राज्य के आला अफसरों की टीम इसकी निगरानी कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वयं मैं इसकी मोनिटरिंग कर रहे हैं. कोविड टास्क फोर्स को बेहतर व्यवस्था देने के लिए सलाह ली जाती है. प्रत्येक जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश है कि अस्पतालों के अलावा स्कूल, स्टेडियम, सामुदायिक भवन, शिक्षण संस्थानों के अलावा होटलों का उपयोग करें. हम अगस्त को कोरोना का पीक मानकर तैयारी में जुटे हैं. राजधानी रांची की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है कि आपातकाल में बेहतर चिकित्सा सेवा मुहैया करायी जा सके. 500 से 1,000 बेड की व्यवस्था करने की तैयारी चल रही है. अंतिम चरण में व्यवस्थाएं हैं. जमशेदपुर में जेआरडी स्टेडियम को भी कोविड-19 अस्पताल में रूप में तैयार करने की योजना बनायी गयी है. सरकार हर तरह से तैयार है.
सरकारी व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बढ़े, इसकी क्या तैयारी की गयी है?
कोरोना के शुरुआती दिनों से ही सरकारी अस्पताल बेहतर व्यवस्था मेें लगे हैं. सीमित संसाधनों में हमारे डॉक्टर बेहतर सेवा दे रहे हैं. राज्य में जब कोरोना की जांच नहीं होती थी, तब सैंपल पुणे और कोलकाता भेजकर जांच करायी जा रही थी. इसके बाद जमशेदपुर में जांच शुरू की गयी. धीरे-धीरे रिम्स, एमजीएम, इटकी और पीएमसीएच धनबाद में लैब स्थापित कर जांच शुरू की गयी. दुमका और पलामू में भी लैब को लेकर तैयारियां पूरी हो गयी हैं. इसके अलावा पांच निजी लैब संचालकों को लाइसेंस दिया गया, जो जांच कर रहे है. इसके अलावा सदर अस्पताल में ट्रुनेट मशीन के माध्यम से जांच शुरू हुई है.
कोविड अस्पताल व जिलों में बनाये गये कोरेंटिन सेंटर की व्यवस्था कैसी है. हम निजी व्यवस्था का टक्कर दे पा रहे हैं क्या?
राज्य के कोविड अस्पताल व जिलों मेंं बनाये गये कोरेंटिन सेेंटर की व्यवस्थाएं बेहतर हैं. इलाज के अलावा खाना की बेहतर व्यवस्था की गयी है. सुबह नाश्ता से लेकर रात का खाना दिया जा रहा है. पौष्टिक व गुणवतापूर्ण खाना दिया जा रहा है, जिससे लोग शारीरिक रूप से मजबूत बन सकें. जहां तक इलाज की बात है तो प्लाज्मा थैरेपी के माध्यम से कोरोना मरीजों का इलाज की शुरुआत 28 जुलाई से होगी. इससे हम कम समय में संक्रमितों को स्वस्थ कर पायेंगे. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने का कहा गया है. दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है. शुद्ध पानी व शौचालय के स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है.