रांची. सीएनआइ छोटानागपुर डायसिस के बिशप बीबी बास्के ने बहु बाजार स्थित संत पॉल्स कैथेड्रल में अर्द्धरात्रि की आराधना की अगुवाई की. उन्होंने अपने उपदेश में कहा कि प्रभु यीशु का जन्म प्रेम, आशा और परिवर्तन का संदेश देता है. परिवर्तन का मतलब खुद को बदलना है. एक दूसरे से प्रेम का संबंध रखना है. प्रेम से आशा उत्पन्न होती है और यह आशा सुखद भविष्य का है. बुराई और पाप के स्वभाव से हम अलग हो सकते हैं और उस तरह से जी सकते हैं, जिस तरह से ईश्वर ने रहना सिखाया है.
हम फिर से अच्छाई और सकारात्मकता की ओर बढ़ सकते हैं
बिशप बीबी बास्के ने कहा कि यीशु के जन्म से यह आशा उत्पन्न होती है कि हम कितने भी पाप में क्यों न पड़े हों, हम फिर से अच्छाई और सकारात्मकता की ओर बढ़ सकते हैं. मौके पर पेरिश प्रिस्ट रेव्ह एस डेविड सहित अन्य पुरोहितों ने बिशप बीबी बास्के को आराधना में सहयोग किया. पुण्यरात की आराधना के लिए कैथेड्रल को खूबसूरत ढंग से सजाया गया है. अंदर वेदी के पास एक चरनी बनायी गयी है. आंतरिक सजावट में ताजे फूलों का इस्तेमाल किया गया है. बाहर दो विशाल एलइडी स्क्रीन लगाये गये हैं, जिससे बाहर बैठे लोग भी अंदर का नजारा देख सकते हैं.
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