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Christmas 2024: क्लासिक क्रिसमस कैरोल्स कौन कौन से हैं ? जानें इनके पीछे की कहानियां

Chrsitmas: क्रिसमस कैरोल्स गिरजाघरों में गाये जाने वाली आराधना का अहम हिस्सा है. इसकी परंपरा यूरोप में कई शताब्दी पहले शुरू हुई थी.

Christmas 2024, रांची, प्रवीण मुंडा : क्रिसमस कैरोल्स (क्रिसमस के गीत) यीशु मसीह के जन्म की खुशियां और संदेश बांटने के लिए गाए जाते हैं. इसके अलावा ये कैरोल्स गिरजाघरों में होनेवाली आराधना का भी अहम हिस्सा है. यूरोप में कई शताब्दी पहले लोग घर घर जाकर गीत गाते थे और यीशु के जन्म की खुशियां बांटते थे. चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के रेव्ह सिरिल हंस के अनुसार, क्रिसमस कैरोल्स की परंपरा ऐसे ही शुरू हुई थी.

स्वर्गदूतों ने गाया था पहला क्रिसमस कैरोल्स गाना

आज क्रिसमस पर पूरे विश्व में क्रिसमस कैरोल्स गाने की परंपरा है. बाइबल के अनुसार बेथलेहम में यीशु के जन्म का संदेश स्वर्गदूतों ने सबसे पहले गड़ेरियों को दिया था और स्वर्गदूतों ने ही पहला कैरोल्स गाया था. इसके बोल थे- ग्लोरिया इन एक्ससेलसिस. (स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उनके लोगों में शांति).

क्या कहते हैं जीइएल चर्च के संगीतकार मनीष

कुछ क्रिसमस कैरोल्स काफी पुराने हैं. ये क्लासिक क्रिसमस कैरोल्स आगमन और जन्मपर्व के समय पूरी दुनिया में गाए जाते हैं. ये कैरोल्स काफी कर्णप्रिय है. अपने भावों, राग और धुन की वजह से ये क्रिसमस का अभिन्न हिस्सा बने हुए है.

साइलेंट नाइट होली नाइट

इस गीत के रचियता हैं जोसेफ मोर. जबकि इसके राग को फ्रांज जेवर ग्रुवर ने तैयार किया. इसे 1818 में पहली बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर ऑस्ट्रिया के निकोलसकिर्चे चर्च में प्रस्तुत किया गया. इसके बोल और राग इतने मनमोहक है कि इसे यूनेस्कों के द्वारा अमूर्त संस्कृति विरासत भी घोषित किया गया. 1905 में इसे पहली बार रिकार्ड किया गया था. यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा बार रिकॉर्ड किए जानेवाले क्रिसमस गीत के रूप में जाना जाता है. हिंदी में इसके बोल हैं पावन रैन पावन रैन.

हार्क द हेरल्ड एंजेल्स सिंग के रचियता हैं चार्ल्स वेस्ली

हार्क द हेरल्ड एंजेल्स सिंग इस गीत के रचियता हैं अंग्रेज गीतकार चार्ल्स वेस्ली. उन्होंने इस गीत को 1739 में लिखा था. चार्ल्स और उसके भाई ने अपनी जिंदगी में 6500 से अधिक गीत लिखे थे. जिनमें 2500 तो उनके जीते जी ही प्रकाशित हो चुकी थी. कहा जाता है कि चार्ल्स अपने घोड़े पर सवार होकर एक गांव से दूसरे गांव प्रचार के लिए जाता था. सफर के दौरान ही वह घोड़े पर बैठे बैठे गीतों की रचना कर लेता था. गांव पहुंचने पर वह उसे कलम से लिख लेता था. हिंदी में इस गीत के बोल हैं ””सुनो दूत सभा गाती है””. आज भी यह क्रिसमस के सबसे लोकप्रिय गीतों में एक है.

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गिरजाघरों में आराधना के दौरान गाये जाते थे भजन सहिंता के गीत

व्हाइल शेफरर्ड्स वाच्ड देयर प्लॉक्स इस गीत के हिंदी में बोल हैं ””गड़ेरिये जब रात समय झुंड रक्षा करते थे””… इस गीत को इंग्लैंड में नहूम टेट ने 1703 ईस्वी में लिखा था. नहूम आयरलैंड के एक पास्टर का पुत्र था. बाद में नहूम टेट किंग विलियम तृतीय द्वारा इंग्लैंड का प्रधान राज कवि बना. व्हाइल शेफरर्ड्स वाच्ड भजन संहिता से बाहर का गीत था. काफी पहले गिरजाघरों में आराधना के दौरान भजन सहिंता के गीत गाए जाते थे क्योंकि उनके बोल बाइबल में भी मिलते हैं. बाद में ईश्वरीय प्रेरणा से बाहरी गीत भी गिरजाघरों में गाए जाने लगे. व्हाइल शेफर्ड्स वाच्ड भी उन्ही में से एक गीत है. इस गीत को सुनना आज भी शांति और सुकून से भर देता है.

‘ओ कम ऑल ये फेथफुल’ गीत है काफी पुराना

ओ कम ऑल ये फेथफुल/कम ओ नियर बिलीवर्स हिंदी में इसके बोल हैं-””पास आओ विश्वासियों”” यह काफी पुराना गीत और मधुर गीत है. जीइएल चर्च की साक्षी वाणी पुस्तक में लेखक का नाम एफ ओकली लिखा हुआ है. पर कहीं कहीं जिक्र मिलता है कि ओकले ने 1841 में इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया था. यह गीत उससे कहीं अधिक पुराना है. कहा जाता है कि इसे लिखनेवाला इटली का एक लातिनी कवि था. अंग्रेज कैथोलिक पादरी एफ ओकले ने इसका अनुवाद किया और एक पुर्तगाली व्यक्ति ने इसका राग बनाया. इसे सबसे पहले 1751 में मुद्रित किया गया था. यह भी बहुत लोकप्रिय कैरोल के रूप जाना जाता है.

क्रिसमस कैरोल्स की हो रही है प्रैक्टिस

रांची के विभिन्न चर्च के कोयर ग्रुप क्रिसमस कैरोल्स की प्रैक्टिस कर रहे हैं. आगमन काल में क्रिसमस गैदरिंग का दौर शुरू हो गया है. इसके अलावा क्रिसमस के अवसर पर भी आराधना के दौरान कैरोल्स गाए जायेंगे. संत पॉल्स कैथेड्रल के इंग्लिश सर्विस के दौरान रवीना दयाल व उनका समूह कैरोल्स पेश करेगा. इसके लिए रोजाना प्रैक्टिस हो रही है. रवीना ने बताया कि 14 को शाम पांच बजे कैरोल्स सर्विस होगी. इसके साथ ही क्रिसमस के अवसर पर भी कैरोल्स गाए जायेंगे. सभी सदस्य जोय टू द वर्ल्ड, साइलेंट नाइट होली नाइट, लौंग टाइम अगो इन बेथलेहम, वी थ्री किंग्स ऑफ ओरियंट आर सहित अन्य गीतों पर प्रैक्टिस हो रही है.

जीइएल चर्च में इन गीतों की प्रैक्टिस की जा रही है

जीइएल चर्च के कोयर ग्रुप को लीड करनेवाले मनीष एक्का ने बताया कि तीन दिसंबर से ही रोजाना प्रैक्टिस की जा रही है. देख प्रभु आता है.., तारे सब चमकते…, गड़ेरिए जब रात समय झुंड रक्षा करते.., पावन रैन, पावन रैन सहित अन्य गीतों पर प्रैक्टिस की जा रही है ताकि क्रिसमस की आराधना अच्छे माहौल में हो सके. इसके अलावा कैतोलिक चर्च सहित शहर के अन्य चर्चों में भी कोयर ग्रुप कैरोल्स की प्रैक्टिस में जुटे हैं.

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