Jharkhand News (रांची) : रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर राजधानी रांची के कोतवाली थाना में दर्ज केस का चार्ज लेने के बाद CID ने शुक्रवार से जांच शुरू कर दी है. CID की टीम ने अनुसंधान के दौरान सबसे पहले पुलिस और औषधि निरीक्षक टीम द्वारा एकत्र साक्ष्य का विश्लेषण किया.
घटना के दिन मुख्य आरोपी राजीव कुमार सिंह द्वारा रेमडेसिविर देने से संबंधित तैयार वीडियो को देखा. इसके बाद मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी राजीव कुमार सिंह और हिरासत में लिये गये अरगोड़ा के दवा दुकानदार राकेश रंजन से अलग-अलग पूछताछ की.
मुख्य आरोपी राजीव कुमार सिंह ने CID टीम को बताया कि उन्होंने राकेश रंजन से रेमडेसिविर हासिल किया था. राकेश रंजन दवा व्यवसाय से जुड़ा है. राजीव कुमार सिंह ने रेमडेसिविर लेने के लिए राकेश रंजन से हुई बातचीत से संबंधित अपने मोबाइल की रिकॉर्डिंग भी टीम को सुनायी.
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रिकॉर्डिंग सुनने के बाद CID के अधिकारियों को इस बात की आशंका है कि राजीव कुमार सिंह ने मामले में फंस जाने के बाद राकेश रंजन को फंसाने के लिए सबूत तैयार करने के उद्देश्य से उन्हें फोन किया था क्योंकि इसके पहले का कोई फोन कॉल या रिकार्डिंग राजीव के पास नहीं है.
वहीं, राकेश रंजन से अलग से पूछताछ की गयी, तो उसने CID के अधिकारियों को बताया कि वह राजीव कुमार सिंह को पहले से जानते थे. राजीव कुमार सिंह कभी-कभी उनकी दुकान पर आकर कोरोना संक्रमण से बचाव से संबंधित कुछ सामानों की खरीदारी की थी. उसने बताया कि राजीव कुमार सिंह को कभी रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं दिया है क्योंकि मेरी दवा दुकान में यह इंजेक्शन नहीं बिकता है.
राजधानी रांची में रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने के लिए रांची के एसएसपी सुरेंद्र झा ने एक टीम बनायी है. इंस्पेक्टर मोहन पांडेय को टीम का इंचार्ज बनाया गया है. राजधानी रांची के किसी क्षेत्र में उक्त सामानों की कालाबाजारी की सूचना मिलने पर टीम छापेमारी कर आगे की कार्रवाई करेगी. टीम के सदस्य सादे लिबास में रहेंगे. कुछ सदस्य इलाके में घूम कर संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. टीम को विभिन्न थाना क्षेत्रों की पुलिस भी सहयोग करेगी. स्थानीय पुलिस को भी किसी प्रकार की कालाबाजारी की सूचना मिलने पर टीम से समन्वय बना कर कार्रवाई करनी है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, झारखंड हाईकोर्ट ने भी कालाबाजारी रोकने और बेड बेचने जैसे मामले पर रोक लगाने के लिए अस्पताल के आसपास सिविल ड्रेस में निगरानी रखने का निर्देश दिया है.
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शुरुआती जांच में CID को दवा दुकान राकेश रंजन की संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं मिला. इसके अलावा राकेश रंजन के खिलाफ कोई परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी नहीं मिला जिसके आधार पर CID उसे गिरफ्तार करे. इसी के मद्देनजर CID ने पूछताछ के बाद दवा दुकानदार राकेश रंजन को पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया.
रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में गिरफ्तार राजीव कुमार सिंह का कोरोना टेस्ट शुक्रवार को कराया गया. जांच रिपोर्ट आने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जायेगा. शुरुआती जांच में राजीव कुमार सिंह ने CID को कई बातों की सही जानकारी देने की जगह गुमराह करने का प्रयास किया है. इसलिए CID उसे जेल भेजने के बाद फिर से रिमांड में लेकर पूछताछ करेगी.
Posted By : Samir Ranjan.