कैसे धरातल पर उतरेगी झारखंड में सरकारी योजनाएं, सीएम हेमंत सोरेन ने बताया

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पिछड़ेपन का मुख्य कारण अधिकारियों का जनता के साथ संवाद बिल्कुल नहीं होना है. अधिकारियों का जनता के साथ समन्वय स्थापित होने, संवाद होने पर ही योजनाओं को सफलता मिलेगी

By Prabhat Khabar News Desk | April 22, 2023 6:37 AM

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को जनता के साथ उनकी भाषा में संवाद स्थापित करने का आग्रह किया है. सिविल सर्विसेज डे पर शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबंधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा : झारखंड में सरकारी योजनाओं अधिकारियों के झारखंडी जनता के रहन-सहन और भाषा-संस्कृति के साथ समन्वय बनाने पर ही धरातल पर उतरेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पिछड़ेपन का मुख्य कारण अधिकारियों का जनता के साथ संवाद बिल्कुल नहीं होना है. अधिकारियों का जनता के साथ समन्वय स्थापित होने, संवाद होने पर ही योजनाओं को सफलता मिलेगी. राज्य के विकास के लिए अधिकारियों को स्थानीय लोगों के साथ भाषा का समन्वय बनाना ही होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में लोक सेवकों का स्ट्रेंथ 2,000 है. राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की सेवा के लिए यह आंकड़ा कहीं से भी कम नहीं है. जरूरत कार्यों को ईमानदारी, संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ पूरा करने की है. झारखंड एसटी, एससी बहुल आबादी वाला राज्य है.

गठन के 20 साल बाद भी झारखंड जहां था, वहीं खड़ा है. विजन के अभाव में किसान खेतिहर मजदूर बन रहे हैं. झारखंड की गिनती देश के सबसे पिछड़े राज्यों में होती है. प्राकृतिक सौंदर्य खनिज संपदा, और बहु प्रतिभावान मानव बल होने के बावजूद झारखंड की गिनती देश के सबसे पिछड़े राज्यों में होने सोचनीय है.

Next Article

Exit mobile version