स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग जारी हो गई है. इसमें झारखंड के दो शहरों को क्लीन सिटी अवार्ड मिला है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग जारी हुई, जिसमें जमशेदपुर और बुंडू को क्लीन सिटी का अवार्ड मिला है. देशभर के 4,000 से ज्यादा शहरी निकायों में भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण कराया जाता है. गुरुवार (11 जनवरी) को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में शहरों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की गई. इंदौर और सूरत को देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है. झारखंड के दो शहरों को क्लीन सिटी अवार्ड मिला है, जिसमें लौहनगरी जमशेदपुर को एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में, तो 25 हजार से ज्यादा आबादी वाले नगर निकायों में बुंडू को क्लीन सिटी का पुरस्कार मिला है.
झारखंड सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे और राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार ने जमशेदपुर और बुंडू के पदाधिकारियों और कर्मियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. इसके साथ ही सभी निकायों को अगले वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए तैयार रहने को कहा है. बता दें कि झारखंड के 49 नगर निकायों में स्वच्छता कार्यक्रम चलाए गए और लोगों को जागरूक करने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए गए.
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स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) झारखंड और राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार ने राज्य भर से पहुंचे निकायकर्मियों खासकर राज्य सरकार की ओर से नव नियुक्त नगर प्रशासकों, कार्यपालक पदाधिकारियों और नगर प्रबंधकों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि हमें और बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है. स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग का तौर-तरीका बदला है. ऐसे में हमें सफाई के साथ-साथ स्ट्रेटजी के साथ कुछ अन्य बिंदुओं पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि हमारे शहरों को गार्बेज फ्री स्टार रैंकिंग और ODF++ प्राप्त करने की जरूरत है. तभी हम देश के अव्वल शहरों का मुकाबला कर पाएंगे और झारखंड के शहरों को अव्वल नंबर पर ला सकेंगे.
कार्यक्रम में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य सचिव मनोज जोशी, केंद्र सरकार के अन्य अधिकारी तथा राज्य सरकार की ओर से सूडा निदेशक अमित कुमार, सूडा के उपनिदेशक कृष्ण कुमार, 20 से ज्यादा नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी और अन्य निकायों के नगर प्रबंधक मौजूद रहे.
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डोर टू डोर कचरा का उठाव सुनिश्चित किया गया.
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सूखा और गीला कचरा को सेग्रिगेट करने पर निकायों का जोर रहा.
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ड्राई वेस्ट प्रोसेसिंग पर भी झारखंड के नगर निकायों ने जोर दिया.
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सामुदायिक शौचालयों की सफाई सुनिश्चित की गयी.
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वाटर बॉडी की सफाई सुनिश्चित की गई.