रांची : मार्च 2022 में सीडीसी कंपनी को टर्मिनेट करने के बाद शहर सफाई व्यवस्था का काम रांची नगर निगम ने अपने हाथों में ले लिया था. लेकिन, शहर की सफाई व्यवस्था अब तक पटरी पर नहीं आ पायी. मुख्य सड़कों से तो कूड़े का उठाव हो रहा है, लेकिन गलियों का हाल बेहाल है. इस कारण बरसात में कचरे की बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. इसे देखते हुए रांची नगर निगम अब चौथी बार शहर की सफाई व्यवस्था नयी कंपनी को सौंपने की तैयारी में है.
नयी कंपनी लंबे समय तक शहर में काम करे, इसके लिए रांची नगर निगम अपनी शर्तों में बदलाव करेगा. पूर्व में सीडीसी कंपनी को आरएफआइडी चिप के डाटा के आधार पर पैसे का भुगतान किया जाता था. इसमें संशोधन किया गया है. आरएफआइडी चिप के डाटा के साथ-साथ कंपनी प्रतिदिन कितना कचरा ट्रांसफर स्टेशन तक पहुंचायेगी, उस कचरे के वजन के हिसाब से कंपनी को पैसे का भुगतान किया जायेगा.
टेंडर में इस बार रांची नगर निगम ऐसी शर्त रख रहा है कि छोटी कंपनी इसमें भाग ही न ले सके. इसके पीछे निगम का तर्क है कि छोटी कंपनी जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है, वह किसी तरह से काम तो हासिल कर लेती है, लेकिन कुछ माह का पेमेंट नहीं करने पर ही वह सफाई करने से हाथ खड़ी कर देती है. वहीं, बड़ी कंपनी का चयन होने से कुछ माह का भुगतान लंबित होने पर भी सफाई व्यवस्था पर असर नहीं पड़ेगा.
वर्ष 2011-12 में एटूजेड कंपनी को शहर की सफाई का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन, डेढ़ साल में कंपनी ने हाथ खड़े कर दिये. इसके बाद वर्ष 2016-17 में सफाई व्यवस्था का जिम्मा एसेल इंफ्रा को सौंपा गया. लेकिन, उक्त कंपनी भी अपने कर्मियों को समय पर वेतन देने में असफल रही. नतीजा निगम ने कंपनी को टर्मिनेट कर दिया. इसके बाद सीडीसी कंपनी आयी. लेकिन, इसे भी 14 माह बाद नगर निगम को टर्मिनेट करना पड़ा. अब चौथी कंपनी की तलाश हो रही है.