रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने गांडेय विधानसभा क्षेत्र (31) के उपचुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की 16 मार्च 2024 की अधिसूचना को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद चुनाव आयोग की अधिसूचना को सही ठहराया. अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 164(4) के आदेश के मद्देनजर, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-151ए का प्रावधान केवल निर्देशिका प्रकृति का है. भारत निर्वाचन आयोग की उपचुनाव को लेकर जारी 16 मार्च की अधिसूचना में किसी प्रकार की अवैधता नहीं है. इसलिए तत्काल रिट याचिका को खारिज किया जाता है. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अदालत को बताया गया कि गांडेय निर्वाचन क्षेत्र की सीट खाली है, जिसका समय एक वर्ष से कम है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के 151ए के तहत कोई उपचुनाव नहीं हो सकता है. इसके बावजूद भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव की अधिसूचना जारी की गयी है. प्रार्थी ने बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर बेंच के एक फैसले का हवाला दिया. बताया कि बॉम्बे हाइकोर्ट द्वारा पारित आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. अंतिम निर्णय के लिए अभी भी मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है. प्रार्थी का तर्क है कि चुनाव आयोग दो समान स्थितियों में अलग-अलग विचार रख रहा है, जिसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. प्रार्थी की अोर से गांडेय उपचुनाव की अधिसूचना पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी वीरेंद्र मंडल व अनिरूद्ध मंडल ने रिट याचिका दायर कर उप चुनाव की अधिसूचना को चुनाैती दी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है