रांची: झारखंड के सीएम चंपाई सोरेन ने सभी जिलों के उपायुक्तों को अपने स्तर से वन विभाग द्वारा कराए गए वृक्षारोपण की जमीनी हकीकत जांचने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि हर साल वृक्षारोपण के बाद भी वनों के विस्तार में वृद्धि नहीं हो रही है. उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए अफसरों को निर्देश दिया कि अबुआ आवास योजना से शौचालय निर्माण योजना को जोड़ें. वे बुधवार को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग समेत अन्य योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.
वृक्षारोपण के बाद भी नहीं हो रहा वनों का विस्तार
सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा हर वर्ष लाखों की संख्या में वृक्षारोपण किया जाता है, लेकिन लक्ष्य के मुताबिक वनों के विस्तार में बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही है. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने स्तर से वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा किए गए वृक्षारोपण की स्थिति की जांच करें. इन्हें हर हाल में संरक्षित किया जाना चाहिए. वृक्षों का सही रख-रखाव वृक्षारोपण योजना को सफल बनाएगा. वृक्षारोपण सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना पर राज्य सरकार काफी खर्च भी करती है. वृक्षारोपण पर्यावरण संतुलन के लिए भी काफी अहम है. लक्ष्य के अनुरूप वृक्षारोपण के लक्ष्य को प्राप्त करें.
अबुआ आवास योजना से शौचालय निर्माण योजना को जोड़ें
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य सरकार की अबुआ आवास योजना से शौचालय निर्माण योजना को जोड़ें. जो अबुआ आवास स्वीकृत हो चुके हैं, वहां इस योजना के तहत शौचालय निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू करें. जिन गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है, उन गांवों में और बेहतर सुविधाएं देने की पहल करें.
हर आंगनबाड़ी केंद्र में करें नल जल की व्यवस्था
चंपाई सोरेन ने कहा कि राज्य की सभी पंचायतों में 10 ड्रील नलकूपों का लक्ष्य निर्धारित है, लेकिन वर्तमान समय में जल का स्तर काफी नीचे चला गया है. ऐसे में नलकूप लगाने के लिए ड्रीलिंग का काम तब तक किया जाए, जब तक जल स्तर नहीं मिल जाए, इसका ध्यान जरूर रखें, वर्ना चापाकल लगाने की योजना बेकार हो जाएगी. वैसे आंगनबाड़ी केंद्र जो अब तक नल जल से आच्छादित नहीं हैं, वहां जल जीवन मिशन के तहत जल्द से जल्द नल जल की व्यवस्था सुनिश्चित करें.