गलत ढंग से सीएम फेलोशिप लेने पर 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ होगी राशि की वसूली

राज्य सरकार ने विवि, महाविद्यालयों, इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए सीएम फेलोशिप स्कीम फॉर एकेडमिक एक्सलेंस योजना लागू करने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन करेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 19, 2024 1:20 AM

रांची (संजीव सिंह). राज्य सरकार ने विवि, महाविद्यालयों, इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए सीएम फेलोशिप स्कीम फॉर एकेडमिक एक्सलेंस योजना लागू करने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन करेगी. इस कमेटी के अध्यक्ष उच्च शिक्षा निदेशक होंगे, जबकि कमेटी में तकनीकी शिक्षा निदेशक, आदिवासी कल्याण आयुक्त, वित्त विभाग के उप सचिव, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रतिनिधि (उप सचिव स्तर के), माध्यमिक शिक्षा निदेशक, उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि, तकनीकी शिक्षा सहायक निदेशक तथा उच्च शिक्षा उप निदेशक शामिल होंगे. योजना के लिए अनुमानित वार्षिक व्यय 183 करोड़ रुपये होगा. इस योजना के तहत आवेदक द्वारा गलत सूचना या गलत प्रमाण पत्र के आधार पर स्कॉलरशिप/फेलोशिप का लाभ लेने पर उन्हें वंचित कर दिया जायेगा. साथ ही ऐसे आवेदक से 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ राशि की वसूली की जायेगी.

जीवन में एक ही बार मिलेगा लाभ

मालूम हो कि इस योजना के तहत पीएचडी करने के साथ-साथ शोध कार्य करने के लिए राज्य सरकार द्वारा चार वर्ष के लिए फेलोशिप की राशि दी जायेगी. इसके तहत यूजीसी नेट/सीएसआइआर नेट/ परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद पीएचडी (इंजीनियरिंग के लिए गेट उत्तीर्ण) में नामांकन लेने पर 25 हजार रुपये प्रतिमाह के दर से राशि प्रदान की जायेगी. जबकि झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) उत्तीर्ण के बाद पीएचडी करने पर छात्र को प्रतिमाह 22500 रुपये मिलेंगे. छात्र को झारखंड राज्य का स्थानीय निवासी का प्रमाण पत्र देना होगा. योजना का लाभ लेनेवाले विद्यार्थी को सप्ताह में औसतन कम से कम 10 घंटे की सेवा रिसर्च, प्रैक्टिकल (यूजी व पीजी) लाइब्रेरी, कंप्यूटर सेंटर में आदि कार्यों में दिया जायेगा. अगर विद्यार्थी का रिसर्च वर्क विश्व के 500 शीर्ष विवि में स्वीकार किया जाता है, तो उन्हें एक बार विदेश जाने के लिए दो लाख रुपये दिये जायेंगे. विद्यार्थी को यह लाभ जीवन में एक ही बार मिलेगा.

विकास आयुक्त की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमेटी बनी

योजना की मॉनिटरिंग के लिए हाइ पावर मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी के अध्यक्ष विकास आयुक्त होंगे, जबकि वित्त विभाग, उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग, कल्याण विभाग, स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव सहित आदिवासी कल्याण आयुक्त, तकनीकी शिक्षा निदेशक तथा उच्च शिक्षा निदेशक सदस्य होंगे.

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